सहायक प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय. अध्ययन, अध्यापन, लेखन में रुचि। अर्थशास्त्र में एम.ए., एम.फ़िल और पी .एच .डी । पिछले कई सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन कर रही हैं, ।कहानियों के माध्यम से अपनी साहित्य में रुचि को सभीके सामने रखने प्रयास करतो हैं। संपर्क - richaguptaeco1@gmail.com
पुरवाई का यह अंक भी पिछ्ले अंकों की तरह नए विचार और नई रचनाओं का मंच साबित हुआ। संपादकीय की साफगोई और विचारों की बेबाकी ने साबित कर दिया की भाषा वही प्रभाव छोड़ती है जिसमे सच्चाई हो और सजीवता हो। ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री के निजी जीवन की धार्मिक आस्था ने धर्मसापेक्षता को प्रबल किया और आपके द्वारा अपनी पूजा पाठ करना फिर बंद करने के कारण ने एक सच्चे वफादार भारतीय पति की झलक प्रस्तुत की। अच्छा लगा,