(1)
कुछ गुनाह हो जाएं तसल्ली होगी
वरना तो जिंदगी कोई खिल्ली होगी ।
अपने हुक्मरानों से सवाल नहीं करती
कौम यकीनन वो बड़ी निठल्ली होगी ।
काम बनने बिगड़ने के कई कारण होंगे
पर दोहमतों के लिए काली बिल्ली होगी ।
झूठ के चटक रंगोंवाली चंचल लड़की
जितनी शोख उतनी ही चिबिल्ली होगी ।
वक्त के साथ जरूरतें बदल जाती हैं
घर के कोने में पड़ी जैसे सिल्ली होगी ।
आते – जाते मुझे जाने क्यों चिढ़ाती है
सोचना क्या शायद कोई झल्ली होगी ।
झूठ के रंगों से पूरी दुनियां गुलज़ार है
यह बात यकीनन बड़ी जिबिल्ली होगी ।
(2)
अफ़वाहें सच हैं शक के काबिल हूं
सच आ जाता है जुबां पर जाहिल हूं ।
सब अपने घरों के रंगीन पर्दों में कैद
मैं दुनियां जहान के दर्द में गाफिल हूं ।
यकीनन अभी कई आगाज़ बाकी हैं
ज़रा थके इरादों को लेकर बोझिल हूं ।
विरोध की जितनी भी संभावनाएं बनें
लिखो मेरा नाम मैं सभी में शामिल हूं ।
जितना मिटता उतना ही सुकून आया
मैं अपनी ही आहुतियों का हासिल हूं ।