Saturday, July 27, 2024
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पवन कुमार वैष्णव की दो कविताएँ

1- जीवन में छुपी कविता..!
एक दिन मेरे बेटे ने
आटे से एक गाय बनाई,
मुझे दिखा कर बोला,” पापा,इसकी एक फ़ोटो खींचो!
मैंने मेरे मोबाइल से जैसे ही आटे से बनी गाय का फ़ोटो लेना चाहा,
बेटा  बोला,” पापा,थोडा दूर से फ़ोटो खींचो,
गाय लात मार देगी!”
और मैं सच में, थोडा दूर होकर फ़ोटो लेने लगा!
बच्चा कितनी मासूमियत से
दिखा देता है
आटे में छुपा जीवन
और
जीवन में छुपी कविता..!
2.जीवित  कविताएँ..!
आज कविताओं को जिया नहीं जा रहा है
सिर्फ लिखा जा रहा है!
अब कविताएँ सिर्फ किताबों के पृष्ठों
को बदल रही हैं
जीवन के पृष्ठों को नहीं!
इसलिए कविताओँ को
किताबों में आने से पहले
हर हँसते हुए और हर  रोते हुए, इंसान के साथ
थोड़ा वक़्त गुजारना चाहिए.!
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1 टिप्पणी

  1. बहुत आभार सम्पादक महोदय।आपने मेरी कविताओं को स्थान दिया। मुझे बहुत ख़ुशी है।
    पवन कुमार वैष्णव

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