होम कविता पवन कुमार वैष्णव की दो कविताएँ कविता पवन कुमार वैष्णव की दो कविताएँ द्वारा पवन कुमार वैष्णव - August 30, 2020 92 1 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet 1- जीवन में छुपी कविता..! एक दिन मेरे बेटे ने आटे से एक गाय बनाई, मुझे दिखा कर बोला,” पापा,इसकी एक फ़ोटो खींचो! मैंने मेरे मोबाइल से जैसे ही आटे से बनी गाय का फ़ोटो लेना चाहा, बेटा बोला,” पापा,थोडा दूर से फ़ोटो खींचो, गाय लात मार देगी!” और मैं सच में, थोडा दूर होकर फ़ोटो लेने लगा! बच्चा कितनी मासूमियत से दिखा देता है आटे में छुपा जीवन और जीवन में छुपी कविता..! 2.जीवित कविताएँ..! आज कविताओं को जिया नहीं जा रहा है सिर्फ लिखा जा रहा है! अब कविताएँ सिर्फ किताबों के पृष्ठों को बदल रही हैं जीवन के पृष्ठों को नहीं! इसलिए कविताओँ को किताबों में आने से पहले हर हँसते हुए और हर रोते हुए, इंसान के साथ थोड़ा वक़्त गुजारना चाहिए.! संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं समृद्धि जैन की कविता – बदल गई ये दुनिया कृष्ण कांत पण्ड्या की कविता रश्मि पाण्डेय की कविता – अधूरे सपने 1 टिप्पणी बहुत आभार सम्पादक महोदय।आपने मेरी कविताओं को स्थान दिया। मुझे बहुत ख़ुशी है। पवन कुमार वैष्णव जवाब दें Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.
बहुत आभार सम्पादक महोदय।आपने मेरी कविताओं को स्थान दिया। मुझे बहुत ख़ुशी है। पवन कुमार वैष्णव जवाब दें
बहुत आभार सम्पादक महोदय।आपने मेरी कविताओं को स्थान दिया। मुझे बहुत ख़ुशी है।
पवन कुमार वैष्णव