होम कविता संगीता सिंह की कविता – याद उसे मेरी आती होगी कविता संगीता सिंह की कविता – याद उसे मेरी आती होगी द्वारा संगीता सिंह - February 14, 2021 529 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet हँसती होगी, मुस्कुराती होगी वो घर में फसलों की तरह लहलहाती होगी बाहों में जब कोई उसे नहीं भरता होगा, तब याद उसे मेरी आती तो होगी ।। चहकती होगी,महकती होगी गुड्डे- गुड़ियों के घर खूब बसाती होगी जब गुड़ियों की बातें कोई नहीं समझता होगा तब याद उसे मेरी आती तो होगी ।। कपड़े पसंद से पहनूँगी खाना पसंद का खाऊँगी जब नहीं मिलेगा सब कुछ उसे उसकी पसंद का, तब याद उसे मेरी आती तो होगी।। लड़ती होगी , झगड़ती होगी अपने जज्बातों को खूब बताती होगी, जब प्यार से उसे कोई दुलारता नहीं होगा तब याद उसे मेरी आती तो होगी।। उसका वो जिद करना, जिद करके चीजों को पा लेना। अब हर जिद जब पूरी नहीं होती होगी तब याद उसे मेरी आती तो होगी।। डरती होगी सपनों में जब, छिप जाने को मेरे पीछे , मेरी तरफ वो आती तो होगी जब वो मुझे वहाँ न पाती होगी तब याद उसे मेरी आती तो होगी।। उससे दूर हूँ, मजबूर हूँ खुशियाँ उसे मिले हर कदम पर यही निकलती है दुआ मेरे दिल से, रहे सलामत तू ,और तेरी दुनिया। फिर भी याद उसे मेरी आती तो होगी।। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं मनवीन कौर पाहवा की कविताएँ शोभा प्रसाद की तीन कविताएँ सावित्री शर्मा ‘सवि’ की कविता – चुनावी रंग कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.