जीवन देता है सबक, सही समय अनुसार,
मोह भंग कर आपका, रचता यह संसार।
बड़े बड़ो की बानी यह, मत कर अन्धा प्यार,
छाह भी अपनी न रहे, जो ढले धूप व्यवहार।
अपना साथ निभा मनवा, दिन रैन सुमिर रघुनंदन,
वर्ना घुट कर रह जाएगा, न सुनेगा कोई कृन्दन।
उनसे तू बचता रहे, जो करे तुझे कमज़ोर,
अपनी ताकत बन सदा, वर्ना टूट जाएगी डोर।
मत रह किसी के आसरे, राम सहारा सबका,
सांस आस दी उसने तो, करेगा नइया पार।
रिश्तों को जी भर जिएँ, बढ़े प्यार मनुहार।
हाट नहीं बिकते मिले, लाख करो व्यापार।

1 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.