होम कविता डॉ.रेनू सिरोया “कुमुदिनी” की कविता – दीवाली यूँ मनाएँ हम कविता डॉ.रेनू सिरोया “कुमुदिनी” की कविता – दीवाली यूँ मनाएँ हम द्वारा डॉ रेनू सिरोया "कुमुदिनी" - November 15, 2020 44 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet संकल्पों की ज्योत जलाएँ तम को दूर भगाएँ हम अश्रु पौंछे मुस्कानों से दीवाली यूँ मनाएँ हम बिलख रहे हो भूखें बच्चें उनको गले लगाएँ हम तन मन धन से खुशियां देकर दीवाली यूँ मनाएँ हम असुरक्षित हो यदि नारी उसकी लाज बचाएँ हम उनको दे सम्मान सुरक्षा दीवाली यूँ मनाएँ हम यदि कहीं अँधियारा हो प्रेम के दीप जलाएँ हम खुशियों से मन रोशन कर दीवाली यूँ मनाएँ हम बाती सा जीवन बन जाये जल के तमस को दूर भगाएँ जीवन में शुभ पुण्य कमाकर दीवाली यूँ मनाएँ हम संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं कृष्ण कांत पण्ड्या की कविता रश्मि पाण्डेय की कविता – अधूरे सपने तोषी अमृता के निश्छल, शर्मीले, भोले मुक्तक Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.