दीवाली पर आओ हम सब
ऐसे दीप जलाएं।
रोशन सदा रहे जग सारा
वह प्रकाश फैलाएं।
पहला दीप ज्ञान का निर्मल
मन में हमें जलाना।
फिर उसके उजियारे को है
घर – घर में फैलाना।
रोशन दूजा करें दया का
सब पर एक समान।
हो अपना बेगाना चाहे
निर्बल या बलवान।
जोत जले जब सत्य-कर्म की
झूठ फरेबी भागें।
सोया है जो भाग्य हमारा
जल्दी ही  फिर जागे।
दुनिया में चमकेगा फिर तो
सुन्दर नाम हमारा।
बङी शान से हम बोलेंगे
भारत देश हमारा।

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