1- निवेदन
न हिन्दू हैं फूल और न मुसलमान
न हिन्दू हैं नदियाँ और न मुसलमान
चिड़िया को हिन्दू या मुसलमान मत कहो
टमाटर प्याज, आलू से लड़ाई नहीं करो
उस तरफ जो है,इधर नहीं है
इधर जो है उधर नहीं
मगर कुछ हमें चाहिए
और
कुछ तुम्हें!
लेन-देन से है यह दुनिया
आदमी का सरोकार आदमी से है
पत्थर  और पहाड़ से नहीं
दोस्ती,भाईचारा और प्रेम…
इसी की सबसे ज्यादा जरूरत है !
जाति और मजहब के बाड़े में
मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे में
आत्मा को रखो
दुश्मनी के खंज़र नहीं।
फूलों को खिलने दो,
नदियों को बहने दो
परिन्दों को उड़ने दो
इतिहास बदला है बदलने दो
बहुत गोलियाँ चलीं
बहुत खून गिरे,
बहुत आँसू…
कुछ हुआ?
दुख और आँसू
चुनते-चुनते हम थक गए
तुम थक गए
वे आए और गए।
सुनो!
अलग-अलग बहुत चले
अब साथ चलो न!
लड़ो मत
डरो मत
हाथ बढ़ाओ
हर बात को हिन्दू -मुसलमान  का
कोई चेहरा मत दो
खत्म करो इस झगड़े को
आदमी नहीं, वक्त बदलता है इतिहास को
एक साथ रहे हो, रहो न
गंगा-यमुना की तरह
बहो न!
इस राजनीति का न कोई दाँव तुम्हारे बस में है
और न मेरे बस में/हम तो बस मोहरे हैं
कोई इधर से चल रहा है
और कोई उधर से
इतनी सी बात है
समझो न!
2 – प्रार्थना!
हे मेरी आत्मा के अनंत रूप
चराचर जगत में रोते -बिलखते हुए
आत्मा के देवालय में
कूची और रंग लेकर
तुम्हें हँसाने
और सुंदर को सुंदर तम बनाने की अनंत कोशिश
परमात्मा का वैभव-श्रृंगार नहीं तो क्या है!
मुझे और कुछ नहीं चाहिए
शब्दों की कूची और रंग!
यह अन्यतम अपराध नहीं
कि जहाँ तुम्हारे करुणा भरे हृदय से
खून के छींटे गिरे…
वहाँ मैंने फूल बनाया
आँखों के पानी से रेत में नदी
शब्दों के अनगढ़ टुकड़े से एक परम छवि
और  फिर दुख के आईने में देखा उसे
अवसाद पर आकाश से झड़-झड़ आशीष की
बरसती हुई आकाश-गंगा…
हे प्रभु! तुम्हारी सृष्टि में
स्वयं तो कुछ भी असुन्दर नहीं!
हंस, कथादेश, वागर्थ, पाखी, साखी,पश्यंती ,आजकल, अहा जिन्दगी,वर्त्तमान साहित्य, कहन, गूंज, संवेद, संवदिया, पल,प्रतिपल, कला,वस्तुत: उमा, अर्य संदेश, गूँज, सरोकार, द न्यूज आसपास, अनामिका,वेणु,,जनतरंग, उमा, किताब, चिंतन-सृजन, दैनिक हिन्दुस्तान, नई बात, जनसत्ता,प्रभात खबर आदि पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ, कविताएँ,आलेख व समीक्षाएँ प्रकाशित। कहानी, कविता, उपन्यास, आलोचना आदि विधाओं पर दस पुस्तकें प्रकाशित। संपर्क - sksnayanagar9413@gmail.com

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.