होम कविता शैलेश शुक्ला की तीन कविताएँ कविता शैलेश शुक्ला की तीन कविताएँ द्वारा Editor - March 23, 2019 387 1 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet शैलेश शुक्ला एहसास होता है चले आते हैं इन गलियों में अक्सर, हम दीवानों की तरह क्योंकि इस मिटटी में, अपना घर होने का ऐहसास होता है तमाम साजों-सामान जोड़े हमने ताकि खुश रह सकें शहर में एसी की हवा में भी पीपल याद आता है, मन उदास होता है क्योंकि इस मिटटी में, अपना घर होने का ऐहसास होता है रिश्ते तो बहुत बने शहर में, लेकिन सबमे दूरियां है स्वार्थ की दिल से मिटटी का रिश्ता दिल के सबसे पास होता है क्योंकि इस मिटटी में, अपना घर होने का ऐहसास होता है बरसों शहर में रहकर भी हम शहर के हो न सके अपने गाँव, अपने कसबे में बिताया हर लम्हा खास होता है क्योंकि इस मिटटी में, अपना घर होने का ऐहसास होता है शहर में, हम हैं या नहीं ये सोचने की भी फुर्सत नहीं गाँव में आकर ही अपने होने का ऐहसास होता है गुरु वंदना मोबाइल सा हाल है, शिष्यों का सुन यार गुरुमंत्र के सिम बिना, पड़ा रहे बेकार अब तक था बिन ज्ञान के, जीवन में भटकाव गुरु आशीष जब से मिला, तब से है ठहराव पढ़ी कभी गीता नहीं, छुआ न कोइ वेद गुरु-चरणों की धुल ने, खोल दिए सब भेद गुरु चरणों की धुल बिन, और न कोई ठाँव स्वर्ग-सरीखा सुख वहां, गुरु बसते जिस गाँव शब्द सिखाये आपने, और शब्द प्रयोग काव्य धरा बह चली, हुआ जो इनका योग मीडिया मीडिया के आजकल हैं ऐसे हालात बिना लाभ कहते नहीं, ये कोइ भी बात क्या कहें, क्या न कहें, कुछ भी कहा न जाए दे दो पैसा हाथ में, कुछ भी लो कहलाय कुछ लोगों का मीडिया, कुछ लोगों की बात साठ-गाँठ के बाल चले, डोली औ’ बारात चौथा खम्भा आजकल, बैठा बना महंत जो भी देता दक्षिणा, उसको कहता संत देख मीडिया का चलन, बुद्धि गई चकराय सबसे ऊपर स्वार्थ है, देश भले जल जाए (लेखक भारत सरकार के उपक्रम एनएमडीसी में राजभाषा अधिकारी हैं) संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं रश्मि बजाज की कविता – आमार सोनार बांग्ला हरदीप सबरवाल की कविताएँ अरविन्द यादव की दो कविताएँ 1 टिप्पणी Nice to read all the poemm. It’s a nice selection and Nicky presented.All the best & hope man more in future also. जवाब दें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.
Nice to read all the poemm. It’s a nice selection and Nicky presented.All the best & hope man more in future also. जवाब दें
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