केरल के सरकारी महिला महाविद्यालय . तिरुवनंतपुरम के हिंदी विभाग की ओर से चल रही व्याख्यान माला अब पैंतीसवीं कड़ी की ओर बढ रही है। देश के जाने माने हिंदी लेखकों और आलोचको की भागीदारी से पिछले अगस्त से चल रही यह व्याख्यान माला देश भर के प्रतिभागियो की उपस्थिति से अब चर्चा में आ रही है। तिरुवनंतपुरम के सरकारी महिला महाविद्यालय का हिंदी विभाग 1976 में स्थापित है और आज वहाँ से बहुत सारे शोधार्थी शोध कर रहे हैं। पिछले Lock down के समय जब कालेज बंद पड़े थे तब शोधार्थियो के लिये शुरु की गयी थी यह व्याख्यान माला ।
अनामिका ‘नासिरा शर्मा , मधु कांकरिया , जयप्रकाश कर्दम , उदय प्रकाश , नीरजा माधव , सुशीला टाकभौरे , सुधा अरोरा , महेंद्र भीष्म, निर्मला पुतुल , कृष्णा अग्नहोत्री , अनुज लुगुन , गीतांजली श्री , सुधा अरोरा , हरिराम मीणा , असगर वजाहत , संजीव , मृदुला गर्ग , लीलाधर मंडलोई , जयश्री रॉय , पुष्पिता अवस्थी , भगवानदास मोरवाल , मेहरुन्नोसा परवेज़ , हरनोट , राजेश जोशी , अल्पना मिश्र , मनीषा कुलश्रेष्ठ , विनोद शाही आदि हिंदी साहित्य के विलक्षण प्रतिभा संपन्न लेखक व आलोचक इस व्याख्यानमाला में अपना वक्तव्य देने आये।
साहित्य प्रेमियों की समृद्ध भागीदारी से व्याख्यान माला सबका ध्यान आकृष्ट करने लगी । बढती प्रतिभागिता को देखते हुए google meet के अलावा face book live और You tube में भी live दिखा रही है । सरकारी महिला महाविधालय की असिस्टेंट प्रोफसर डा शबाना हबीब व्याख्यान माला की संयोजिका है और इसका संचालन असोसियेट प्रोफसर डा. सुमा द्वारा हो रही है । नकारात्मक परिस्थितियो में भी सकारात्मक ढंग से चीजों को कैसे चला सकती है इसका मिसाल है हिंदीतर प्रदेश केरल की महाविघालय में चलनेवाली यह व्याख्यानमाला ।