भारतीय स्टेट बैंक अनुसूचित जाति/ जनजाति कल्याण संघ द्वारा 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमरॉव अंबेडकर के जयंती समारोह उत्सव मनाने के दौरान स्वदेश दीपक लिखित नाटक कोर्ट मार्शल का मंचन किया गया। 
बैंकिंग कामकाज में व्यस्त रहते हुए कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस नाट्य प्रस्तुति में अभिनय के माध्यम से भागीदारी की। आमतौर पर बैंकिंग जैसे रसहीन काम में कार्यरत कलाकार भी परिपक्व कलाकारों की तरह मंच का मान किस तरह से बढ़ाते हैं नाटक कोर्ट मार्शल इसका एक जीता  जागता उदाहरण रहा।

जातिगत भेदभाव और सामंतवादी सोच के चलते आज भी लोगों के मन में मनुष्यों को लेकर सामाजिक भेदभाव देखा जा सकता है।
भारतीय ग्रामीण अंचलों में आज भी छोटी जाति और कमज़ोर वर्ग के लोगों के प्रति ऊंची जाति के लोगों द्वारा अमानवीय घटनाओं, भेदभाव और वैमनस्यता की घटनाएं अखबारों का हिस्सा बनती रहती हैं।

कोर्ट मार्शल नाटक की प्रस्तुति के दौरान लगभग 400 दर्शक मंत्रमुग्ध होकर इस शानदार नाट्य अभिनय की इस प्रस्तुति को सराहते हुए मिले। 
संघ के महासचिव दिनेश खसारिया और अध्यक्ष अतुल घरडे की पहल से हुई इस नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन लोकप्रिय सिनेमा, टीवी एवं नाटक कलाकार आलोक गच्च ने किया।

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