किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन पर्यंत अनेक अनुभव तो होते हैं, परंतु उन अनुभवों को कहानी या कविता के रूप में सँजोकर लिखने की कला विकसित नहीं हो पाती। जो लिख पाते हैं, वास्तव में उनकी लेखनी में वह शक्ति होती है, जो कि वे समाज के किसी भी वर्ग या व्यक्ति को झकझोर कर प्रभावित किए बिना नहीं रह पाती और तभी कहा व सुना जाता है कि अमुक की लेखनी सशक्त है।मुझेलगताहैकियोजनाकीलेखनीबहुतशक्तिशालीहैजिससेवेवर्तमानकीअनेकसमस्याओंकोअपनेशब्दविन्याससेकहानी, उपन्यासकेरूपमेंपाठकोंकेसमक्षप्रस्तुतकरसकतीहैं।
डॉ. योजनाकोइसप्रथमलघुकथा–संग्रहकेलिएमेरीहार्दिकबधाईवउनकेनिरंतरप्रगतिकेलिएशुभेच्छा।वेनिरंतरलिखतीरहेंऔरउनकीलेखनीसदैवसशक्तरहेतथाउनकीरचनाएँपाठकोंकोप्रभावितवप्रेरितकरतीरहें।
लेखिका: डॉ. योजना साह जैन प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन मूल्य – २५० रुपए समीक्षक : श्रीमती उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ (लेखिका, कवयित्री)