Friday, October 4, 2024
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डब्लूसीसी में उत्कर्ष’23 के अंतर्गत हिंदी गद्य लेखन कार्यशाला एवं अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिताओं का आयोजन

व्यंग्य सदा समर्थ पर किया जाता है । व्यंग्य समाज की विसंगतियों को  डिटर्जेंट  की तरह धो डालता है,व्यंग्य लेखक एवं आलोचक श्री बी.एल.आच्छा ने यह कहा।अवसर था, डब्ल्यूसीसी के हिंदी विभाग का  वार्षिक कार्यक्रम उत्कर्ष ’23  के अंतर्गत आयोजित ‘हिंदी गद्य लेखन कार्यशाला ‘का । हिंदी साहित्य में व्यंग्य और शरद जोशी जैसे नामचीन व्यंग्यकारों की रचनाओं की बात करते हुए व्यंग्य की बारीकियों को आपने छात्रों को समझाया।लेख एवं निबंध के अंतर को भी स्पष्ट करते हुए आपने उन्हें अपने विचारों को इस विधा में लेखन के लिए प्रेरित किया।

अच्छी कहानियां हमारे दिलो-दिमाग को आजीवन प्रभावित करती हैं। कहानी के पात्रों द्वारा ही लेखक हमसे बात करता है। एक अच्छी कहानी लिखने के लिए कहानी -तत्वों का निर्वाह आवश्यक है। आरंभ में  छोटी-छोटी कहानियां लिखना शुरू करें। अपने अनुभव और विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है कहानी -कला। इसी अवसर पर असान  मेमोरियल कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ पद्मावती ने अपने व्याख्यान में  ये कहा।
कहानी बुनो, शब्द- तितली,, निबंध लेखन ,स्वरों का मेल,पोस्टर मेकिंग,डांस पर चांस  आदि अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिताओं का आयोजन उत्कर्ष 23 के दूसरे सत्र में किया गया जिसमें अन्य महाविद्यालयों के अनेक प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। प्रथम तीन विजेताओं को पदक व प्रमाण पत्र से पुरस्कृत किया गया। अतिथि वक्ता श्री बीएल अच्छा एवं डॉ पद्मावती का स्वागत  एवं सम्मान किया दोनों पाली की भाषा विभागाध्यक्षाओं डॉ प्रिया नायडू और डॉ सुनीता जाजोदिया ने। स्वागत भाषण दिया  कीर्तना ने और खुशी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया । खुशी, शनाज ,सानिया और रिया ने  कार्यक्रम का सफल संचालन किया ।
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