हरियाणा का अब तक का एकमात्र ओटीटी प्लेटफार्म स्टेज एप्प हरियाणा सिनेमा से बाहर निकल कर अब राजस्थानी सिनेमा को बढ़ावा देने तथा उसे सहारा देने के लिए उतरा है। इस बार राजस्थानी सिनेमा के इतिहास में वेब सीरीज का एक के बाद एक सिनेमाई प्रदर्शन देखने को मिलेगा स्टेज एप्प पर। राजस्थानी सिनेमा में बनने वाली वेब सीरीज “परीक्षा” किस पर आधारित है? और स्टेज के लिए बननेवाली इस वेब सीरीज में क्या कुछ जुड़ा है खास बता रहे हैं सीरीज के निर्देशक ‘विपिन मालावत’ विपिन से हुई कुछ अंतरंग बातचीत के अंश पढ़ें..

राजस्थानी सिनेमा में कभी वेब सीरीज भी बनेगी? बिल्कुल.. यह तो यकीन था ही कि राजस्थानी सिनेमा कभी ना कभी उठेगा, जब बॉलीवुड और इंटरनेशनल फ़िल्में राजस्थान आधारित हो सकती हैं तो राजस्थानी रीजनल फ़िल्में क्यों नहीं? पहले यह ज्यादा बना इसलिए नहीं था क्योंकि अपॉर्चुनिटी नहीं थी और राजस्थान की भूमि सिनेमा के लिहाज से उतनी उर्वर नहीं रही लेकिन अब वह अपॉर्चुनिटी स्टेज ऐप दे रहा है। साथ ही इसके चलते राजस्थानी सिनेमा की भूमि भी फिर से उर्वर होने लगी है। समय लगेगा लेकिन अब वह दिन दूर नहीं है।
राजस्थानी सिनेमा में जो शुष्कता दिखाई देती है वह स्टेज के माध्यम से वह मुकम्मल तरीके से उपजाऊ बन पाएगी। क्योंकि इसमें अगर स्टेज एप्प फिल्म मेकर्स,  स्क्रिप्ट की सिलेक्शन सही करता है तो डेफिनेटली हम तथा वे इसमें कामयाब होंगे…. और सिर्फ फिल्म बनाने में और अच्छी फिल्म बनाने में जमीन आसमान का फर्क तो होता ही है दस खराब फिल्म बनाने से सिनेमा नहीं बल्कि एक अच्छी फिल्म बनाने से ही सिनेमा का जन्म हो सकता है। इसमें भी खराब फ़िल्में तो आती ही हैं तभी आगे अच्छी फ़िल्में भी बनती हैं।
हमारी वेब सीरीज “परीक्षा” के बारे में कहूं तो उसमें उसकी कहानी जैसा उसका नाम ही है “परीक्षा” उसी पर आधारित कहानी है। और ये परीक्षा जो इंसान को हर कदम पर देनी पड़ती है उससे हटकर यह ‘रीट’ एग्जाम पर आधारित है। राजस्थान में ‘रीट’ इतना चर्चित रहा है सदा से कि हर घर में एक ना एक सदस्य जरूर मिलेगा जो ‘रीट’ प्रिपेयर रहा हो। यह एग्जाम कम रिचुअल ज्यादा है।

कहानी उन्हीं स्टूडेंट के संघर्ष के बारे में है जो ‘रीट’ क्लियर करके गवर्नमेंट टीचर बनना चाहते हैं क्योंकि फैमिली और समाज का प्रेशर ही ऐसा होता है कि गवर्नमेंट है तो इज्जत है। मेरा बतौर निर्देशक इस सीरीज के लिए उद्देश्य स्टार्टिंग से ही यही था कि मुझे एक्टर अच्छे चुनने हैं। एट द एंड स्क्रीन पर वही दिखने वाले हैं। फिर साथ ही दिखाने से ज्यादा उनके परफॉर्मेंस स्ट्रॉन्ग होने चाहिए।
बाकि यूं तो इसके स्क्रिप्ट का काम करते समय कुछ एक्टर्स पहले से ध्यान में थे। जैसा हर निर्देशक के ख्याल में किसी ना किसी एक्टर को लेकर रहता है। फिर बाद में कुछ लोग अलग से चुने जाते हैं।  साफ तौर से कहूं तो फ्रेंकली स्पीकिंग…… यह राजस्थानी रीजनल जरूर है लेकिन मेरा मोटिव सिर्फ राजस्थानी ऑडियंस है ही नहीं। यह टॉपिक भले ही राजस्थान के एग्जाम पर है लेकिन इमोशन यूनिवर्सल है… जिसे कोई भी रिलेट कर सकता है। मेरा उद्देश्य हमेशा यही रहता है कि बोली कोई भी हो लेकिन इमोशन हर एक बोली का इंसान पकड़े… और राजस्थानी दर्शक इसलिए नहीं है क्योंकि कंटेंट नहीं था अब तक और अब कंटेंट है तो दर्शक भी आ ही जाएगा।
किसी भी फिल्म का कोई फार्मूला है ही नहीं… यह टॉपिक चलेगा या यह टॉपिक नहीं चलेगा। तो जोखिम तो हर बार होगा ही बाकी सीरीज के साथ कंपटीशन करना ही क्यों……. मैं अपने काम और अपनी टीम के साथ गर्वित हूं की ‘परीक्षा’ उन सभी वेब सीरीज का हिस्सा है और मैं दिल से चाहता हूं कि कोई भी वेब सीरीज पीछे ना रहे खास तौर से राजस्थानी भाषा में बनने वाली।

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