पुस्तक समीक्षा – इमली का चटकारा लेखिका – डॉ. योजना साह जैन, बर्लिन, जर्मनी
समीक्षक – सुधा जुगरान, देहरादून, उत्तराखंड
प्रभातप्रकाशनसेप्रकाशित डॉ. योजना साह जैन का 12 कहानियोंकासंग्रह ‘इमलीकाचटकारा‘ का शीर्षकपढ़नेमेंथोड़ाहैरतमेंडालताहै।लेकिनजल्दीहीइसशीर्षककेपीछेछिपागहराभावसमझमेंआजाताहै।अधिकतरकहानियाँस्त्रीप्रधानहैं।समाजकीआधीआबादीकाजीवनतोयोंभीइमलीसाखट्टा–मीठाहोताहैफिरस्त्रीयदिकामकाजीहैतोउसकेजीवनमेंइमलीकाचटकाराभलेहीहोपरइमलीकीखटासभीहरक्षणरहतीहै।
लेखिका परिचय – डॉ योजना साह जैन कॉरपोरेट लीडर और उद्यमी होने के साथ ही एक प्रसिद्ध लेखिका और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एक लोकप्रिय वक्ता और कवयित्री हैं। योजना फार्माकोलॉजी में डॉक्टरेट हैं और दो दशकों से भारत और जर्मनी में फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर सेक्टर में काम कर रही हैं। वर्तमान में, वह हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी कंपनी हेल्थप्रेक्ष की संस्थापक और सीईओ हैं।
इनका कविता संग्रह “कागज पे फुदकती गिलेहरियां” 2019 में “भारतीय ज्ञानपीठ” द्वारा प्रकाशित किया गया था। “इमली का चटकारा” योजना का पहला कहानी संग्रह है। समय-समय पर योजना के लेख, कविता और कहानियाँ विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं, समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं। दुनिया भर में आयोजित कई कवि सम्मेलनों, लेखन कार्यशालाओं और सम्मेलनों में इनकी भागीदारी रही है।
डॉ. योजना को उनके अकादमिक, नेतृत्व, साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।