शाम के सात बजे थे । दीदी केमिस्ट के यहाँ से दवाइयाँ लेकर निकल ही रही थीं कि सामने से सोनिया आती हुई दिखाई दी । शायद ट्यूशन से आ रही थी । चोटी के रिबिन का एक छोर मुंह में चबाती हुई, एकदम उदास सी, धीरे-धीरे आ रही थी । दीदी ने पूछा, “क्या हो गया सोनिया वह बोली, “कुछ नहीं” दीदी ने उससे लाड़ से पूछा, “क्या समस्या है, मुझे बताओ, मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकती हूँ” ? सोनिया थोड़ी मुस्कराते हुए बोली, दीदी, मैं ट्यूशन बैग रखकर और मम्मी से पूंछ कर आती हूँ, फिर बताऊँगी” दीदी ने कहा “ठीक है”।
दीदी घर में पहुंची ही थीं कि बच्चों की टोली उनके घर में घुस गई । ये क्या हो गया, बिना सूचना के ही सेना घर में घुस गई । ये क्या अचानक आक्रमण । वैसे दीदी के लिए ये कोई नई बात नहीं है । दीदी को तो ऐसे आक्रमणों की आदत पड़ी हुई है । “हाँ तो बोलो, क्या समस्या है आपकी…?” सब एक साथ बोले, “दीदी समस्या आज हमारी नहीं है, सोनिया की है । सोनिया की ट्यूशन टीचर ने एक अजीब-सा होमवर्क दिया है…” “सोनिया तुम बोलो क्या होमवर्क है बताओ” ।  सोनिया डरते-डरते बोली, “दीदी, टीचर ने कहा, अप्रैल महीने में बहुत सारी जयंतियाँ आती हैं, उन जयंतियों के नाम लिखो और हरेक के बारे में दो-दो लाइनें लिखो । कुछ समझ ही नहीं आ रहा क्या लिखूँ” । सोहम हँसते हुए बोला, “क्या तेरी टीचर है सोनिया, कुछ भी होमवर्क देती है”।  दीदी थोड़ी नाराज होते हुए बोली, “सोहम ऐसे नहीं बोलते, ये बहुत अच्छा काम है,  हम कुछ नया कर सकते हैं, सोनिया चलो मैं तुम्हारी मदद करती हूँ ।
बच्चो ! तुम लोग तो जानते ही हो, हमारे देश में छोटे-बड़े बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं । तुम्हारी  टीचर ने सही कहा है, अप्रैल में बहुत सारी जयंतियाँ आती हैं, उनमें एक है, महावीर जयंती । महावीर जयंती चैत्र महीने की त्रियोदशी तिथि को आती है । हिन्दू कैलेंडर महीने के हिसाब से चैत्र महीना मार्च और अप्रैल के आस-पास आता है” । सोनिया हँसते हुए बोली, “हाँ दीदी ये तो मुझे मालूम है, हम लोग तो जैन ही हैं न…” । दीदी अपनी बात जारी रखते हुए बोलीं, “इस दिन भगवान महावीर का जन्म हुआ था । पूरे देश में यह त्यौहार धूम-धाम से मनाया जाता है । भगवान महावीर ने पूरे विश्व को अहिंसा का पाठ सिखाया है” । 
“ठीक है, अब आती है हनुमान जयन्ती । हनुमान जयन्ती चैत्र माह की पूर्णिमा को आती है । इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था । इस दिन सभी लोग हनुमान मंदिर जाते हैं, प्रार्थना करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं । 
इसके बाद है रामनवमी । रामनवमी चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को आती है । इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था । इस दिन सब लोग राम मंदिर जाते हैं, और भगवान राम की पूजा करते हैं । किसी-किसी मंदिर में कीर्तन आदि का भी आयोजन किया जाता है । 
गुड फ्राइडे के बारे में तो आप लोगों ने सुना ही होगा । नन्ही तान्या अपनी तोतली आवाज में बोली, “हाँ दीदी उस दिन हमारे स्कूल की छुट्टी होती है…” सारे बच्चे ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगे । दीदी भी हंसी बिना न रह सकीं । “…चलो मैं बताती हूँ, गुड फ्राइडे को ब्लेक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है । इस दिन ईसा मसीह को क्रास पर लटकाया गया था । आप लोगों ने पूछा नहीं क्यों लटकाया गया था । “क्यों लटकाया गया था दीदी …” ? “… ईसा मसीह ने अंध विश्वास फैलाने वाले धर्म गुरुओं की बातों का विरोध किया था । गुरुओं ने उनकी शिकायत राजा से कर दी । राजा ने सच्चाई जाने वगैर  ईसा मसीह को क्रॉस पर लटका दिया । इस दिन ईसाई धर्म मानने वाले लोग सादा भोजन करते हैं और घर से सजावट का सामान हटा देते हैं या कपड़े से ढक देते हैं । सभी लोग चर्च में इकट्ठे होते हैं और प्रभु ईशु को याद करते हैं…” । 
गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को ईस्टर का त्यौहार आता है । ऐसी मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह जिंदा हो गए थे । इस दिन तरह-तरह के अंडे बनाकर उन्हें सजाया जाता है और एक दूसरे को उपहार में दिये जाते हैं । ईस्टर एग सुनकर सबके मुंह में पानी आ गया … चलो इस ईस्टर पर मैं आप सबको ईस्टर एग बनाना सिखाऊँगी …”
“…हाँ तो सोनिया तुम्हारा प्रोब्लम साल्व हुआ या नहीं …” ?  सोनिया खुश होकर बोली, “अरे दीदी आपने तो मेरा होमवर्क कितना आसान कर दिया । मुझे तो बहुत डर लग रहा था” । दीदी सोनिया को परेशान करने के लिए बोलीं, “सोनिया जी… अभी आपकी परेशानी दूर नहीं हुई है, एक खास जयंती तो आप लोग भूल ही गए हैं, बताओ, कौन बता सकता है…” ?  सारे बच्चे चिंता में पड़ गए, थोड़े – से उदास भी हो गए । सबके उदास चेहरे देखकर दीदी अपनी हंसी रोक नहीं पा रहीं थी । हँसती हुये बोलीं, अरे बाबा ! अंबेडकर जयंती, ये हम कैसे भूल सकते हैं ? किसी को कुछ जानकारी है ? “नहीं दीदी …” सब एक साथ बोले । तो सुनो, मैं बताती हूँ । डॉ. भीम राव आंबेडकर का नाम किस-किसने सुना है” ? सारे बच्चे, हाँ-ना में गोल-मोल उत्तर देने लगे । “हूँ, … इसका मतलब है किसी को कुछ नहीं पता, चलो मैं ही बताती हूँ, डॉ. भीम राव आंबेडकर को बाबा साहब के नाम से भी जाना जाता है । वे हमारे देश के एक सम्मानीय नेता हैं । उन्होने पिछड़े वर्ग की भलाई के लिए बहुत कार्य किया है । मानव अधिकार की सुरक्षा के लिए वे विश्व के बड़े नेता माने जाते हैं । महाराष्ट्र में यह त्यौहार बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाया जाता है । महाराष्ट्र के अधिकांश घरों में बाबा साहब की तस्वीर लगाई जाती है ।  उन्होने ही हमारा संविधान बनाया है । आंबेडकर जयंती हर वर्ष 14 अप्रैल को मनाई जाती है । आंबेडकर जयंती को ज्ञान दिवस और समानता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है । आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि आंबेडकर जयंती संसार के सौ से भी अधिक देशों में मनाई जाती है ।  इस दिन सभी लोग एक जगह पर एकत्रित होते हैं और उनके विचारों का स्मरण किया जाता है । हाँ बताओ, कुछ समझ में आया आप लोगों को…” सब एक साथ बोले, “जी दीदी हमें तो लिखने के लिए बहुत सारा मटीरियल मिल गया…” । “शाबास बच्चो…” दीदी सोनिया से बोलीं, 
“ओके, सोनिया अब घर जाकर अपना ट्यूशन का होमवर्क कर लेना … । अच्छा बच्चो, आप सबने भी सारी बातें सुनी न, तो आप सब भी अप्रैल महीने के त्यौहारों के नाम और उनकी थोड़ी-थोड़ी जानकारी लिखना…” । 
सारे एक साथ बोल पड़े, “हम लोग क्यों दीदी, हमें थोड़ी होमवर्क मिला है…? । 
“…नहीं मिला तो क्या हुआ, मैं यह होमवर्क तुम्हें दे रही हूँ ..”
“क्या सोनिया तूने हम सबको भी फंसा दिया …”
“बाय बाय दीदी, गुड नाइट दीदी
सारे बच्चे खुशी-खुशी अपने घर चले गए, और दीदी भी अपने काम में लग गई ।

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