‘दीपकमल’ पत्रिका के अटल-स्मृति विशेषांक का हुआ लोकार्पण
(रायपुर) भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती के अवसर पर ‘दीप कमल’ पत्रिका के अटल स्मृति विशेषांक का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष विष्णदेव साय व विशिष्ट अतिथि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, संतोष पाण्डे व प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय मौजूद थे। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता, पार्टी पत्रिकाएं व प्रकाशन विभाग के प्रमुख डॉ. शिव शक्ति बक्सी थे।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की विनम्रता ही जीवन के वैचारिक विशालता के साथ हम सब को जोड़े रखा है। सरल, सहज व सर्वमान्य उनके व्यक्तित्व ने हम सब को राजनीतिक जीवन में प्रशिक्षित किया है। उन्होंने हमारे सपनों के छत्तीसगढ़ को गढ़ा है और छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए उनकी परिकल्पना हमें सदैव प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, अटल जी के उद्देश्यों पर अंकुश लगाया है और राज्य का विकास भी थम गया है। इस सरकार को करारा जवाब देकर हमें अटल जी के सपनों का छत्तीसगढ़ बनाना होगा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि अटल जी के जीवन के संपूर्ण संदर्भों को किसी किताब में लाना कठिन है लेकिन दीपकमल की टीम ने उनकी सहजता को साहित्य के रूप में प्रस्तुत किया है। निश्चित ही यह अंक सब के लिए संग्रहणीय होगा। उन्होंने अपने संसदीय कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि मुझे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कार्य करने का अवसर मिला और हम सब ने उनसे सामाजिक जीवन की संस्कार लिये हैं सदन में उन्हें सुनना सुखद अनुभव होता था और यह पल हम कभी छोड़ना नहीं चाहते थे।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अटल जी का छत्तीसगढ़ से नाता उसके निर्माण से लेकर समग्र विकास का रहा है। वे सदैव छत्तीसगढ़ की भावनाओं को एक राज्य का स्वरूप देना चाहते थे इसलिए राज्य निर्माण में उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। ऐसे प्रेरक महापुरुष का जन्म कई युगों के बाद होता है।
विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि त्याग तपस्या और शुचिता के सिद्धांत को अटल जी ने सार्वजनिक जीवन में स्थापित किया है। हम सब के अग्र पंथी अटल जी परिस्थितियों के सामने कभी समझौता नहीं किया। उनके जीवन दर्शन से आने वाली पीढ़ी को अवगत कराने की जरूरत है।
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि अटल जी ने हमें विषम परिस्थितियों में कार्य के लिए तैयार किया है। हर परिस्थितियों में विजय ध्वज के साथ चलने की प्रेरणा दी। उनका छत्तीसगढ़ से आत्मीय लगाव ऐसे कई अवसरों का साक्षी बने हैं। सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि विश्व की संसदीय इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी जी के संसदीय कार्यकाल के बराबर शायद ही किसी का होगा। वे करीब 47 वर्षों तक सदन के दोनों सदनों सदनों के सदस्य रहे हैं। उन्होंने हम सब को बाधाओं को लांघने की कला सिखाई है। हम सब पराक्रम के साथ अपने पथ पर सक्रिय हैं।
दीप कमल के संपादक सुभाष राव ने कहा कि पत्रिका के प्रकाशन का 19वां वर्ष है और हमने जब इसकी शुरूआत की थी तब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया था। अब एक सुखद अवसर है कि उनके जीवन कृतित्व पर केंद्रित अंक का लोकार्पण कर रहे हैं। यह पार्टी का मुख पत्र हमेशा की तरह कार्यकर्ताओं के बीच नवीन व प्रेरक विचारों को प्रसारित करता रहेगा।
भाजपा प्रकाशन विभाग प्रमुख एवं दीप कमल के कार्यकारी संपादक पंकज झा ने कहा कि करोना काल में परिस्थितियां निर्मित हुई थी उसके बाद से अब दीप कमल को नये कलेवर के साथ प्रकाशित करने जा रहे हैं निश्चित ही यह अंक सब को हमेशा की तरह पसंद आयेगा।
कार्यक्रम में आभार प्रदेश मंत्री ओ. पी. चौधरी ने किया। कार्यक्रम में राजीव चक्रवर्ती ने अटल बिहारी वाजपेयी के कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, ग्रामीण अध्यक्ष अभिनेष कश्यप, महामंत्री ओंकार बैस सहित पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. शिव शक्ति बक्सी ने कहा कि देश में जो राजनीतिक परिस्थितियां एक समय निर्मित हुई थी, उसे लेकर पूर्व अनुमान सही था और हमारी विचारधारा को मजबूती प्रदान करते हुए अटल जी शून्य से शिखर तक संगठन को शिखर तक पहचानने वालों में से रहे हैं। उनके सपनों को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्ण करने में जुटे हुए हैं। राष्ट्र में नवचेतना का जो महा यज्ञ चल रहा है उसमें हम सब की एक आहूति जरूरी है यही अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।