होमकवितायोग दिवस : डॉ. अवधेश तिवारी 'भावुक' की कविता कविता योग दिवस : डॉ. अवधेश तिवारी ‘भावुक’ की कविता By Editor June 22, 2024 1 165 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp योग निरोगी काया देता, प्राण वायु तन में भर देता, जोश , उत्साह , उमंगें देकर रोग, विकार सभी हर लेता। सृजन करता, स्वस्थ समाज, योग बढ़ाता काम औ’ काज, निश्चित बेहतर होगा कल, योग को यदि अपना लें आज। सबको यह सन्देश सुनाओ, योग के गुण, महिमा बतलाओ, हमको यह वरदान मिला जो औरों के संग खुद भी अपनाओ। योग बनाये स्वस्थ औ’ सच्चा, युवा बुजुर्ग संग में बच्चा, मिलकर करते योग के आसन हृष्ट – पुष्ट बन जायें अच्छा। योग करे रोगों से त्राण, योग से हो, सब का कल्याण, स्वस्थ रखे, भावुक, तन-मन को जनमानस में भर नव प्राण। डॉ. अवधेश तिवारी “भावुक” स्व रचित एवं मौलिक चल भाष-9811309809 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp पिछला लेखडा मंजु गुप्ता के दोहों में दसवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसअगला लेखडॉ मनीष कुमार मिश्रा की ग़ज़लें Editor RELATED ARTICLES कविता नीलिमा करैया की कविता – हमारी हिंदी September 14, 2024 कविता सरोजिनी पाण्डेय की कविता – हिंदी दिवस September 14, 2024 कविता डॉ. हरनेक सिंह गिल की कविता – प्यार की परिभाषा September 14, 2024 1 टिप्पणी योग पर अच्छी कविता है इसमें कोई दो मत नहीं अवधेश जी! योग जीवन को स्वस्थ रखने का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है। वैसे तो लोग ध्यान दे रहे हैं योग पर! जवाब दें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें टिप्पणी: कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! नाम:* कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें ईमेल:* आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें वेबसाइट: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed. Most Popular कविताएँ बोधमिता की November 26, 2018 कहानीः ‘तीर-ए-नीमकश’ – (प्रितपाल कौर) August 5, 2018 ‘हयवदन’ : अस्मिता की खोज May 2, 2021 अपनी बात…… April 6, 2018 और अधिक लोड करें Latest मेरी कहानियों में जो आपबीती होती है, वह जगबीती भी होती है- अवधेश प्रीत September 15, 2024 शोभना श्याम की लघुकथा – रिकवरी September 14, 2024 नीलिमा करैया की कविता – हमारी हिंदी September 14, 2024 डॉ. दिलबागसिंह विर्क का लेख – महिला टी 20 विश्व कप में भारत की दावेदारी September 14, 2024 और अधिक लोड करें
योग पर अच्छी कविता है इसमें कोई दो मत नहीं अवधेश जी! योग जीवन को स्वस्थ रखने का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है। वैसे तो लोग ध्यान दे रहे हैं योग पर! जवाब दें
योग पर अच्छी कविता है इसमें कोई दो मत नहीं अवधेश जी! योग जीवन को स्वस्थ रखने का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है। वैसे तो लोग ध्यान दे रहे हैं योग पर!