होम कविता सत्यम ‘सोलंकी’ की कविता – इस जीवन कविता सत्यम ‘सोलंकी’ की कविता – इस जीवन द्वारा Editor - June 8, 2019 175 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet सत्यम ‘सोलंकी’ प्रेम को बहुतों ने लिखा है मैं व्याध में लिखूँगा मैं तुम्हारे मन के दर्द को लिखूँगा लम्हों , रिश्ते – नातों से कह दूँगा मिलूँगा उनसे कभी किसी और बरसातों में कह दूँगा की उन्हें फिर कभी मिलूँगा इस जीवन में मैं बस राधा का रहूँगा तुम्हें लिखने में , तुम्हें , समझने में इस बार तुम्हे भीड़ में नही एकांत में नही ना ही किसी बिहर वीरान में मैं देखूँगा तुम्हें बस अपने प्राण में मैं लिखूँगा तुम्हें रात की बात में अधूरे अल्फाज में तुम्हारी चाह में मैं लिखूँगा तुम्हें हर दर्द , हर उम्मीद हर एहसास में और कह दूँगा सबसे हर हाल में इस जीवन बस राधा रहेगी , मेरे प्राण में ! संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं डॉ. हर्षा त्रिवेदी की तीन कविताएँ प्रेमा झा की कविता – माँ रश्मि विभा त्रिपाठी की कविता – सपने कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.