रविवार, दिनांक 1 अक्टूबर 2023 को कोलकाता मुख्यालय वाली साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘रचनाकार’ का साहित्योत्सव भारतीय भाषा परिषद सभागार में भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश के मूर्धन्य साहित्यकारों को प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल के गीत ऋषि के नाम से प्रसिद्ध वरिष्ठ गीतकार श्री योगेंद्र शुक्ल ‘सुमन’ को उनकी दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा के लिए ‘दुर्गावती चौधरी साहित्य सारथी सम्मान’ से विभूषित किया गया। आदरणीय ‘सुमन’ जी को सम्मानित करने हेतु ‘रचनाकार’ संस्था के संस्थापक-अध्यक्ष विद्वानविभूति श्री सुरेश चौधरी जी द्वारा यह अमूल्य अवसर मुझे प्रदान किया। मैंने परम आदरणीय योगेंद्र शुक्ल ‘सुमन’ जी के प्रशस्ति पत्र का वाचन कर उन्हें प्रशस्ति पट्टिका भेंट की।
इस अवसर पर ली गई इस प्रस्तुत छवि में, बाएं से श्वेत कुर्ता-पजामा धारण किये हुए दाहिने से परिलक्षित हैं श्री सुरेश चौधरी जी, कैमरे की नजर में सिर्फ गुलाबी साड़ी जिनकी दिखाई दे रही है, वो हैं हिंदी मर्मज्ञ विदुषी कुलपति प्रो.डॉ.सोमा बंधोपाध्याय जी, उसके बाद चित्र में दिखाई दे रहे हैं श्री मृत्युंजय कुमार सिंह जी-सुप्रसिद्ध साहित्यकार व महानिदेशक पुलिस पश्चिम बंगाल, तदउपरान्त लाल कुर्ते में मेरे साथ पशस्तिपत्र थामे हुए हैं, अंतरराष्ट्रीय नवगीतकार आदरणीय डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र जी, उनके बगल में उपस्थित हैं हिंगलाज दान रतनू जी,सह निदेशक-राजस्थान सूचना केन्द्र, कोलकाता, तदउपरांत साथ हैं, पंडित श्रीकांत शर्मा ‘बालव्यास’ जी तथा भगवाधारण कर प्रशस्तिपत्र भेंट करते हुए मैं आपका स्नेहभाजक रवि प्रताप सिंह, और सबसे किनारे मेरे दाहिनी ओर मंच पर परिलक्षित हैं, ताज़ा टीवी के निदेशक व छपते-छपते समाचार पत्र के प्रधान संपादक आदरणीय श्री विश्वम्भर नेवर जी। समस्त कार्यक्रम को अपनी कोकिलकंठी वाणी से संचालित किया, ‘रचनाकार’ की पदाधिकारी रचना सरन जी ने। इस ऐतिहासिक क्षण को आप सब अपनों के साथ साझा करते हुए गर्व मिश्रित आत्मतोष की अनुभूति हो रही है।
*…उत्तर प्रदेश देशवारी समाज, कोलकाता के संरक्षक श्री राजेन्द्र द्विवेदी जी व हिंदी अकादमी पश्चिम बंगाल के सम्मानित सदस्य श्री रावेल पुष्प जी को, यादगार चित्र प्रेषण हेतु अंतस आभार।*