Sunday, October 6, 2024
होमसाहित्यिक हलचलसुनीता अबाबील को मिला चाक कविता सम्मान

सुनीता अबाबील को मिला चाक कविता सम्मान

मुजफ्फरनगर: डी.ए.वी. डिग्री कॉलेज में आयोजित समारोह में कवयित्री सुनीता अबाबील को उनके कविता संग्रह ‘पांच मर्दों वाली औरत’ के लिए ‘श्री सोहनवीर सिंह प्रजापति स्मृति चाक कविता सम्मान-2022’ प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रख्यात लेखिका अनिता भारती ने कहा कि सुनीता अबाबील एक सजग और सचेत कवयित्री हैं। इस दौर में जबकि भाषा के सौन्दर्य की आड़ में यथार्थ से मुंह चुराने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, सुनीता अबाबील यथार्थ को प्रकट करती हैं। उनकी कविताएं दलित स्त्री विमर्श खड़ा करती हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कथाकार योगेन्द्र आहूजा ने चाक के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि चाक श्रम का प्रतीक है। सुनीता की कविताएं श्रम के महत्व को रेखांकित करती हैं। उन्होंने कहा कि इस राह में बड़े खतरे हैं। हमें इन खतरों से सावधान रहते हुए आगे बढ़ना है। विशिष्ट अतिथि ‘कथादेश’ के संपादक हरिनारायण ने यह सम्मान मिलने पर सुनीता अबाबील को अपनी शुमकामनाएं दी। डॉ. गोरखनाथ मस्ताना ने कहा कि कि सुनीता की कविताएं प्रतिरोध का जज्बा पैदा करती हैं। वे खामोशी तोड़ने वाली कवयित्री हैं।

डॉ. संतोष पटेल ने सुनीता अबाबील की कविताओं पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी कविताएं अपने समाज के तन्तुओं को खोलती हैं। अलक्षित बातें उनकी कविताओं मे दर्ज होती हैं। युवा कवि और आलोचक अरुण कुमार ने कहा कि दलित स्त्री का दुख स्वर्ण स्त्री के दुख से अलग है। आधी आबादी की बात सुनने की प्रक्रिया में हमें दलित स्त्रियों पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। इस अवसर पर सम्मानित कवयित्री सुनीता अबाबील ने भी विचार व्यक्त किए और अपनी कुछ कविताओं का पाठ किया। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित आलोचक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी ने कहा कि कवि या लेखक के जीवन में एक रिक्तता बनी रहनी चाहिए। यह रिक्तता ही सृजन को एक नया आयाम देती है। हमें अतीत से सबक लेते हुए अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवि गोष्ठी में डॉ. गोरखनाथ मस्ताना, डॉ संतोष पटेल, भारतेन्दु मिश्र, अब्दुल हक सहर, सुशीला जोशी, सुशीला शर्मा, कमला शर्मा और पूजा गोयल ने अपनी कविताएं सुनाईं। संयोजक रमेश प्रजापति रहे। कार्यक्रम का संचालन रोहित कौशिक ने किया। इस अवसर पर संयोजक रमेश प्रजापति की माता जी केला देवी, ममता प्रजापति,कमल प्रजापति, परमेन्द्र सिंह, प्रो. आर.एम. तिवारी, डॉ प्रदीप जैन, गय्यूर अहमद, नेमपाल प्रजापति, तरुण गोयल, मनु स्वामी, कमल त्यागी, डॉ अरविन्द कुमार, संतोष शर्मा, योगेन्द्र सोम, सुनील शर्मा, विपुल शर्मा सहित अनेक साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Most Popular

Latest