नवी मुंबई की एक प्रप्तिष्ठित साहित्यिक संस्था “विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम” द्वारा,  4 फरवरी 2022 को लघुकथा पाठन कार्यकम का आयोजन किया गया । संस्था की अध्यक्षा सुश्री लता तेजेश्वर ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया और सुश्री पारमिता जी ने कार्यक्रम का संचालन किया । कार्यक्रम में, आमंत्रित लघुकथाकारों में, देहारादून से सुश्री अल्का अरोरा,  हल्द्वानी से सुश्री मंजुला पाण्डेय और मुम्बई से सुश्री उषा साहू थीं । 
सुश्री अल्का अरोरा ने लघुकथा के साथ प्रकृति की सुंदरता से सराबोर अपनी कविताओं की छठा से सबको भाव-विभोर कर दिया । दूसरे भाग में उन्होने नारी मन की पीड़ा को दर्शाती,  ब्रज भाषा में कहानी प्रस्तुत की । उनकी इस कहानी ने सभी का मन द्रवित कर दिया । 
उषा साहू ने,  सरस्वती पूजा का अवसर पर, बच्चों के लिए बच्चों की भाषा में ही जानकारी दी । यह एक बाल कहानी थी । आजकल बालकथा साहित्य, बहुत कम उपलब्ध है । कार्यक्रम के दूसरे भाग में उन्होने एक और लघुकथा “दयालू” का पठन किया । ये कहानी,  मानव की संकीर्ण मानसिकता और स्वार्थीपन का प्रतिरूप थी । 
डॉ. मंजुला पाण्डेय ने, समय के बदलते रुख पर एक कविता प्रस्तुत की, जिसमें वर्तमान में घरेलू विवादों का वर्णन था । कार्यक्रम के दूसरे भाग में, डॉ. पाण्डेय ने एक लघुकथा प्रस्तुत की, जिसमें उन्होने मजदूर वर्ग में, पुत्र और पुत्री के वर्ग भेद को और समाज का सकारात्मक दृष्टिकोण को साकार किया । 
संस्था की अध्यक्षा सुश्री लता तेजेश्वर रेणुका ने पुरानी साइकिल नई दुनियाऔर दो बैललघुकथाएँ प्रस्तुत की । उनकी रचनाओं में बताया गया कि निर्धन छोटी-छोटी खुशियों से ही संतुष्ट हो जाते हैं । 
सुश्री परमिताजी ने मजदूरों के भोजन के द्वारा, उनकी गरीबी का प्रत्यक्ष वर्णन किया । अपनी लघुकथाओं में उन्होने आधुनिक राजनीति और राजनेताओं सटीक व्यंग्य कसे । इनमें व्यंग और कटाक्ष दोनों ही थे । 
कार्यक्रम बहुत ही सौहाद्रपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ । लता तेजेश्वर ने सभी कथाकारों का अभिवादन किया और सभी को साधुवाद कहने के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ ।

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