सलिला संस्था, सलूंबर के तत्वावधान में दिनांक 13 नवंबर 2021को सायं सलिल प्रवाह का लोकार्पण वेबीनार की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार संजीव जायसवाल “संजय”, लखनऊ ने की। मुख्य अतिथि नेशनल बुक ट्रस्ट के हिंदी सह-संपादक पंकज चतुर्वेदी थे।
डा. रेनू श्रीवास्तव द्वारा अतिथि परिचय एवं स्वागत रस्म के बाद संपादक प्रकाश तातेड़ ने सलिल प्रवाह पत्रिका का सारगर्भित परिचय प्रस्तुत किया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा पत्रिका का आभासी लोकार्पण किया गया जिसमें स्क्रीन के सामने पत्रिका को दिखाया गया।
विषय प्रवर्तन पत्रिका की प्रधान संपादक डा. विमला भंडारी ने किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि उनकी संस्था नई पीढ़ी के बालकों के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध है। यह अंक प्रबोध कुमार गोविल पर केंद्रित किया गया है।
उनके सान्निध्य में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने वक्तव्य में प्रौढ़ साहित्य के लेखकों को भी बाल साहित्य लेखन का आग्रह  किया। सलिल प्रवाह की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर जयपुर से फारूक आफरीदी, दुर्गा प्रसाद अग्रवाल एवं योगेश कानवा ने अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि पंकज चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में वर्तमान बाल साहित्य की स्थिति पर बहुत सार्थक बातें कहीं उन्होंने कहा कि बाल साहित्य उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए और बाल साहित्यकारों को वर्तमान परिवेश के अनुरूप लेखन करना चाहिए।
वेबीनार के अध्यक्ष संजीव जायसवाल “संजय” ने कहा कि अच्छे बाल साहित्य से बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल ने बताया कि बाल साहित्य लेखन के क्षेत्र में विपुल संभावनाएं हैं।
इस अवसर पर फारूक आफरीदी ने कहा कि राजस्थान में बाल साहित्य अकादमी की घोषणा की जा चुकी है और शीघ्र ही बाल साहित्यकारों को नवीन आयाम स्थापित करने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे। अंत में पत्रिका के प्रबंध संपादक जगदीश भंडारी ने आभार प्रकट किया।

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