आज जब ज्योति कन्या पूजन के लिए बुलाने गयी तो लगभग सत्रह साल की रोशनी ने कहा मैम हम नही आएंगे।ये दोनों छोटी बहने आ जाएंगी ।

“दोनो बहनों के साथ तुम भी आ जाना और तुम्हारे आस पास जितनी भी तुम्हारे बराबर की बेटियां हैं सबको ले आना।”

“लेकिन मैम आप हमको क्यो बुला रही हैं?”

रोशनी ने आश्चर्य जताते हुए कहा।

“क्योकि हमारे समाज मे कन्या पूजन और सुहागिन पूजन की परंपरा तो है पर किशोरावस्था जो जीवन का सबसे कठिन काल होता है और उसी समय एक बेटी को सबसे अधिक आत्मीयता की आवश्यकता होती है, उस समय उसको किनारे कर दिया जाता है।

इसलिए हम कन्या पूजन के साथ-साथ “किशोरी पूजन”भी कर रहे हैं और आप अपनी सभी सखियों के साथ सादर आमंत्रित हैं।

रोशनी बिना चप्पल पहने ही अपनी सखियों के घर दौड़ पड़ी।

2 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.