जीप के पिकनिक स्पॉट पर पहुंचते ही बकरे की बैचेनी बढ़ गयी। भय से कलेजा मुंह को आने लगा। थोड़ी देर में ही उसे मसालेदार गोश्त में बदल कर इन हुड़दंगियों के बीच पेश कर दिया जाएगा।
उसने कातर नजरों से सामने की ओर देखा..! वे चार थे। कॉलेज के सहपाठी और गहरे दोस्त !! पिकनिक के नाम पर हो–हल्ला, नाच–गाने और कमर मटकाने में मशगूल ! एक ने बेसुरे राग में आलाप लिया – मजहब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना…तो दूसरे ने हुलस कर कदमताल मिलाते हुए ‘अंतरा‘ जोड़ा – यारी है ईमान मेरी, यार मेरी जिंदगी..!
‘यार सुशील, बहुत थक गया..! टॉनिक लेना होगा अब !’ सलमान ने खिलखिलाते हुए सिगरेट निकाली और माचिस की काठी को ‘झटके‘ से सुलगा कर सिगरेट धरा ली। थोड़ी देर बाद सुशील सामानों की ढेरी से केक निकाल लाया। बॉक्स में पैक बड़ा सा गोलाकार चॉकलेट केक ! ऊपर क्रीम से लिखा था – हैप्पी फ्रेंडशीप डे ! छूरी से केक को विलंबित लय में ‘हलाल‘ करते हुए छोटे छोटे टुकड़े किये और दोस्तों में बांटने लगा।
बकरा नेक दिल और धार्मिक प्रबृत्ति का जीव था। उसने ईश्वर से गुहार लगायी -‘ हे प्रभो, तेरे भक्त की जान संकट में है। रक्षा करो।‘ भक्त की पुकार पर ईश्वर द्रवित हो उठे। थोड़ी देर के चिंतन के बाद उन्होंने आननफानन एक छटे हुए घाघ नेता की रूह को आदेश दिया -‘ जा रे , अपने किसी शातिर पैंतरे से इस मासूम की रक्षा कर !’
रूह ने बकरे की काया में प्रवेश किया। प्रवेश करते ही बकरे की आंखों में बिल्लोरी चमक भर गयी। सुशील लघुशंका के लिए झाड़ियों की ओर गया हुआ था। बकरा कुलांचे भरता उसके पास आया और थोबड़े को उठा कर कोई मंत्र उच्चारा। मंत्र के सम्मोहन से सुशील की आंखें क्रोध से सिकुड़ गयीं और चेहरे पर तनाव खिंच आया। बकरा दूसरे ही पल ठुमकता हुआ दुलकी चाल से जाजम पर बैठे सलमान के पास आ खड़ा हुआ। सलमान ने प्यार से उसकी गर्दन पर हाथ फेरा और तीसरे नेत्र से उसके गोश्त के लजीज पन का एहसास किया। इसी बीच बकरे ने थुथून उठा कर उसके कान में कोई कलमा फूंक मारा। सलमान की भौंहे प्रत्यंचा सी तन गयीं।
पलक झपकते सुशील और सलमान एक दूसरे को टेढ़ी नजरों से घूरते हुए आमने सामने आ खड़े हुए। दोनो की सांसें तेज तेज चलने लगीं। आंखों में खून उतर आया।
‘ये पिकनिक अब नहीं हो सकती। क्या सोचे थे कि जोजेफ के संग मिलकर साजिश में कामयाब हो जाओगे ?’ सुशील ने फूफकार छोड़ी।
‘साजिश तो तुमने की है, हंह! लानत है ऐसी दोस्ती पर.!’ सलमान भी जोरों से गुर्राया। आरोप प्रत्यारोप व तीखी झड़प का कडुवा दौर ! दोनों की तकरार पर जोजेफ दौड़ा आया -‘बिरादर, हम जोजेफ.. बीस साल का तजुर्बा वाला बावर्ची ग्रांटी देना मांगता कि बकरा को हलाल से काटो या झटका से , गोश्त का टेस्ट में कोई फरक नई होयेगा..!’
‘शट अप यू..! हमको बेवकूफ समझते हो ?’ सलमान चींख पड़ा और गुस्से से बचे केक को उठाकर एक ओर उछाल दिया। सुशील भी भला पीछे क्यों रहता। फलों की टोकरी पर कस कर शॉट लगायी तो वह दूर झाड़ियों में जा गिरी।
चारो दोस्तों की टीम केशरिया और हरे रंग में बँट गयीं और वापस लौटने के लिए अपने अपने सामानों को ढेरी से अलग करने लगी। बकरे के भीतर बैठी रूह ने बकरे को टहोका मारा – देखा ? तेरी जान बचा दी न ..!
बहुत सही