1- तटस्थ
सदर की चौड़ी सड़क भी भीड़ के कारण किसी संकरी गली से महसूस हो रही थी, सवारियों को बिठाने की जद्दोजहद में ई-रिक्शा एक दूसरे के ऊपर चढ़े जा रहे थे। एक रिक्शा वाले ने चार सवारियां बैठा ली, वह रिक्शा निकालना चाहता था, पर दूसरा रिक्शा वाला सवारी बिठाने की चाह में उससे आगे खड़ा था, रास्ते को लगभग रोक के, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि अगर वह रिक्शा हटाता तो उसे यहां से जाना ही पड़ता, दोनों में तू-तू मैं-मैं शुरू हुई, सवारी बैठाने वाला रिक्शा वाला शरीर से तगड़ा था, उसने बैठे-बैठे ही दूसरे को एक लात मारी, दूसरा मिमिया कर रह गया, सवारियां तटस्थ बैठी रही, मानो कुछ हुआ ही नहीं, थोड़ी आगे बढ़े तो चौक पर भारी जाम लगा था, ट्रैफिक वाला नियंत्रण करने में लगभग असफल था, रिक्शा वाले ने रिक्शा थोड़ा आगे बढ़ाया तो ट्रैफिक पुलिस मैन चिल्लाकर उसकी तरफ दौड़ा, और एक झापड़ उसके मुंह पर मारते हुए रिक्शा पीछे करने को कहा। यहां ताकतवर बदल गया था। सवारियां अभी वैसे ही तटस्थ सी बैठी रहे, उनके चेहरे पर जो भाव थे वह बस अपने गंतव्य पर पहुंचने की जल्दी के थे।
जैसे वहां पहुंचकर उन्हें भी किसी पर ताकत आजमानी थी, या फिर किसी की ताकत को बर्दाश्त करना था।.
2 – वीडियो
दसवीं में पढ़ता उसका बेटा रजत इन दिनों कुछ ज्यादा ही उदंड हो रहा था, आज किसी बात पर उसे गुस्सा आया और वह चिल्लाकर बोला, “ अब जूते से पिटेगा तू और वह भी बुरी तरह”
रजत भी एकदम से भड़क गया और बोला,” हां, मारिए मुझे,  जूते से मारिए”, और छोटे भाई शुभम से बोला, “ तू वीडियो बना, बना वीडियो मेरे जूते से पिटने का”.
एकदम हतप्रभ, हक्का-बक्का रह गया वह।
दो दिन बाद शुभम को बुखार आ गया, उसने उसे दवा दी, पर अचानक ही शुभम ने उल्टी कर दी, शुभम के कपड़े बदल उसने पौंछा उठाया और फर्श से उल्टी साफ करने लगा। एकदम से उसने रजत से कहा, “इसका वीडियो नहीं बनाओगे?”
बाप से नजरे चुरा कर जमीन की ओर देख रजत शर्मिंदगी से गढ़ गया।

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