बरसों की रिसर्च का नतीजा उसके हाथ में था। उसके बनाए गैजेट से एक्स के मस्तिष्क में रहने वाली उस ग्रंथि का पता चलने वाला था। जो एक्स को पाप करने के लिए उकसाती है।
एक्सप्लोरेशन  और रिसर्च  के अनुसार भूतकाल में एक्स, वाई के मुकाबले बेहद संवेदनशील व भावुक थी फिर विकास के नियम का यह कौन-सा चरण आया जिससे एक्स के मस्तिष्क में अपराध प्रवृत्ति पनपने लगी?
वह जानना चाहता था कि आखिर एक्स इतनी खूंखार क्यों हो गई? उसके मस्तिष्क में ऐसी कौन-सी ग्रंथि है जो उसे हिंसक बनाती है?
वाई ने अपनी आँखों पर वह चश्मेनुमा गैजेट पहन लिया और कलाई पर बंधे डिवाइस से एक्स का डाटा गैजेट में सेट किया। चेहरे पर प्रसन्नता लिए उसकी  उंगलियाँ  डिवाइस पर थिरकने लगीं।
अभी डाटा अपलोड ही हुआ था कि वर्चुअल स्क्रीन तेजी से खुद-ब-खुद स्क्रोल होनी लगी। * उस पर तारीखें उभरने लगीं। परेशान वाई उस पर नियंत्रण की कोशिश करने लगा। तभी स्क्रीन अचानक रूक गई और कुछ दिखाई देने लगा।
उसके गैजेट की ब्लू लाइट जल उठी। उसके मस्तिष्क में तेजी से हलचल होने लगी।
वह एक्स के साथ एक जंगल में था…वह देख पा रहा था कि वह शिकार कर रही थी। उसनें एक्स को  अपनी बाँहों में  ले लिया और गुफा में ले जाकर…एक्स के चेहरे पर बदलाव दिख रहा था।
अब एक्स पत्तों से अपने शरीर को लपेटे दिख रही थी।
स्क्रीन पर तेजी से दृश्य बदलने लगे।
एक्स बाजार में खड़ी थी जंजीरों में….और वाई!.. वह  हँसते हुए उसके कपड़े..वह निवस्त्र थी।
एक्स अपनी शक्ति भूल चुकी थी। खुद को समेटकर वह खुद पर ही शर्मिंदा थी।
दृश्य बदला…
ओह…एक्स जल रही थी और वाई? वह ढोल बजा रहा था ताकि एक्स के  चीखने की आवाज न सुनाई दे।लेकिन यह क्या!एक्स जिंदा थी और असंख्य  मृत वाई, एक्स को आग में बार -बार धकेल रहे थे।
दृश्य तेजी से बदला…
अब एक्स खून से लथपथ पड़ी थी। उसकी आयु! वह अपने बचपन में थी लेकिन उसके जननांगों पर चोट……..ओहह!
अचानक वाई को कुछ हँसने की आवाजें सुनाई दीं। वह ध्यान से सुनने लगा। यह… यह तो उसी की आवाज थी!
दृश्य फिर परिवर्तित होने लगे।
एक्स बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी लेकिन…वाई भी वहीं था… उसके हाथ में उसके खोज की फाइल थी…
अब एक्स खामोश थी और उसके चारों तरफ उसी के जैसे दिखने वाली अनेक एक्स विलाप कर रही थीं….
वाई ने फाइल को होठों से चुमा लेकिन उसके होंठों पर….खून…!!
हड़बडा कर वाई ने गैजेट को आँखों से हटा दिया।उसके चेहरे पर पसीना चूने लगा।
अपने को संयत कर उसने  गैजेट को दोबारा आँखों पर चढाया और फिर से डाटा अपलोड किया। वह सावधानी से डिवाइस को सेट करने लगा।
दृश्य फिर से सामने आने लगे…..लेकिन एक्स का मस्तिष्क! उसकी पाप ग्रंथि!!  अब मस्तिष्क की शिराएं कुछ दिखाई देने लगीं कि तभी..दृश्य फिर बदला।
एक्स की उंगलियाँ कुछ बदली दिख रही थीं।उसके नाखूनों में किसी के माँस के टूकड़े फंसे थे….और वाई? वह जमीन पर पड़ा हुआ था।
फाइल…वाई…और खून…दृश्य में… एक्स खामोश थी…विलाप था और…वाई के हाथों में गैजेट…!
अचानक वाई को अपने अंदर एक्स नजर आने लगी। घबरा कर उसने गैजेट पटक दिया। गैजेट जमीन पर चकनाचूर पड़ा था।
उसकी खोज पूर्ण हो चुकी थी… उसे पाप ग्रंथि मिल चुकी थी लेकिन… लेकिन एक्स के मस्तिष्क में नही, बल्कि….खुद उसके मस्तिष्क में।

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