दक्षिण अफ़्रीका के विरुद्ध रोहित शर्मा को पहली बार सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर उतारा गया और उनके साथ एक नये साथी मयंक अग्रवाल को चुना गया। और दोनों ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 317 रन की साझेदारी की। जिसमें मयंक ने दोहरा शतक और रोहित ने शतक लगाया। अब मैच का नतीजा जो भी हो, रोहित शर्मा ने अपना संदेश ताल ठोक कर बीसीसीआई सेलेक्शन बोर्ड को भेज दिया है।

आज क्रिकेट की बात करते हैं। मेरे पास क्रिकेट के ग्राउण्ड से दो महत्वपूर्ण ख़बरे हैं। पहली ख़बर के अनुसार रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ़्रीका के विरुद्ध पहले टेस्ट में साबित कर दिया है कि सोने को कहीं भी रख दिया जाए वो रहेगा सोना ही… पीतल या तांबा नहीं बन जाएगा। और दूसरी ख़बर की श्रीलंका की बी-टीम ने पाकिस्तान को  टी-20 मैच में 64 रनों से हरा दिया। 

एक भारतीय होने के नाते मुझे रोहित शर्मा के रिकॉर्ड की बात पहले करनी चाहिये। मगर क्रिकेटिंग दृष्टे से देखा जाए तो श्रीलंका की बी-टीम द्वारा पाकिस्तान को हराना एक बड़ी ख़बर है।

जब पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच एकदिवसीय और टी-20 मैचों की सीरीज़ की घोषणा की गयी तो श्रीलंका के वरिष्ठ खिलाड़ियों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए पाकिस्तान जाने के लिये मना कर दिया था। लगता था कि श्रीलंकाई दौरा खटाई में पड़ जाएगा। 

मगर श्रीलंका बोर्ड ने अपनी बी-टीम को पाकिस्तान भेजना का निर्णय लिया और पाकिस्तान ने इसे स्वीकार भी कर लिया क्योंकि एक लम्बे अर्से से कोई क्रिकेट टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं कर रही थी और पाकिस्तान को अपनी होम-सीरीज़ यू.ए.ई. में खेलनी पड़ती थी।

मगर देखने लायक बात यह थी जब श्रीलंका टीम कराची में मैच खेलने गयी तो उनकी सुरक्षा के लिये क़रीब चालीस गाड़ियों का सुरक्षा घेरा बनाया गया। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी एवं सांसद गौतम गंभीर ने पाकिस्तान का इस मामले में ख़ासा मज़ाक उड़ाया।

कुछ लोगों का कहना था कि इतनी कड़ी सुरक्षा का इन्तज़ाम तो पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री के लिये नहीं किया जाता जितना कराची में श्रीलंका टीम के लिये किया गया।

कराची में दिन-रात के मैच में दो बार तो फ़्लड लाईट बन्द हो गयी जिससे मैच को रोकना पड़ा। क्रिकेट प्रेमियों ने पाकिस्तान का जम कर मज़ाक उड़ाया कि बिजली का बिल नहीं दिया होगा इसीलिये बार बार बत्ती बन्द की जा रही है। पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ अहमद भी काफ़ी नाराज़ दिखाई दिये और उन्हें अधिकारियों से बहस करते हुए भी देखा गया।

ऐसा शायद क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ था जबकि देश का प्रधानमन्त्री पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी है। पाकिस्तान के ज़ख़्मों पर नमक उस वक्त छिड़का गया जब पहले टी-20 मैच में श्रीलंका टीम ने 64 रनों के भारी अंतर से हरा दिया। 

—–

रोहित शर्मा एक दिवसीय एवं टी-20 क्रिकेट में भारत के अग्रणी बल्लेबाज़ हैं। एक दिवसीय क्रिकेट में तीन दोहरे शतक बनाए हैं। दोनों ही तरह की क्रिकेट में रोहित सलामी बल्लेबाज़ के रूप में खेलते हैं और उनका शुमार विश्व के बेहतरीन खिलाड़ियों में होता है। 

मगर न जाने क्यों बीसीसीआई के पदाधिकारियों को यह बात कभी समझ नहीं आई कि रोहित शर्मा टेस्ट मैचों में भी सलामी बल्लेबाज़ बन सकते हैं। उन्हें जब टेस्ट मैच खिलाये गये तो कभी 6 नंबर पर तो कभी सात नंबर पर बल्लेबाज़ी करवाई जाती थी। रोहित शर्मा क्रिकेट को बहतु प्यार करते होंगे वरना इस बेइज़्ज़ती के लिये खेलने से मना भी कर सकते थे।

इस बीच भारत ने न जाने कितने सलामी बल्लेबाज़ों को आज़माया कि उनकी गिनती रख पाना भी कठिन है। एक आम क्रिकेट प्रेमी सोच में पड़ जाता था कि जो बल्लेबाज़ विश्व कप में पांच शतक लगा सकता है वो भला टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज़ का किरदार क्यों नहीं निभा सकता। 

तर्क दिया जाता था कि लाल गेन्द सफ़ेद गेन्द से अलग होती है। उसकी स्विंग अलग होती है। टेस्ट क्रिकेट के लिये ठहराव वाली सोच चाहिये। सब भूल जाते थे कि विरेन्द्र सहवाग ने कभी पारंपरिक क्रिकेट नहीं खेली और वे भारत की ओर से ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने।

ठीक वैसे ही रोहित शर्मा भी एक-दिवसीय क्रिकेट में तीन बार दोहरा शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर के रूप में उभरे। 

इस बीच टीम में विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच तनाव की ख़बरें भी फैलाई गयीं। मगर अंततः दक्षिण अफ़्रीका के विरुद्ध रोहित शर्मा को पहली बार सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर उतारा गया और उनके साथ एक नये साथी मयंक अग्रवाल को चुना गया। और दोनों ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 317 रन की साझेदारी की। जिसमें मयंक ने दोहरा शतक और रोहित ने शतक लगाया। 

रोहित शर्मा ने दूसरी पारी में भी 127 रन की शतकीय पारी खेली। इस मैच में रोहित शर्मा छक्का किंग के रूप में उभर कर आए। उन्होंने एक मैच में 13 छक्के लगा कर  वसीम अकरम का 1996 का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया जो कि बारह छक्कों का था। अब मैच का नतीजा जो भी हो। रोहित शर्मा ने अपना संदेश ताल ठोक कर बीसीसीआई सेलेक्शन बोर्ड को भेज दिया है।

लेखक वरिष्ठ साहित्यकार, कथा यूके के महासचिव और पुरवाई के संपादक हैं. लंदन में रहते हैं.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.