होमग़ज़ल एवं गीतडॉ. कृष्ण कन्हैया की ग़ज़ल ग़ज़ल एवं गीत डॉ. कृष्ण कन्हैया की ग़ज़ल By डॉ. कृष्ण कन्हैया May 14, 2023 0 91 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp ओछी हरक़त तीखे लोग छोड़े तब तो सीखें लोग जीवन है- अंधा क़ानून चुनते हैं- तारीख़ें लोग जब भी होता सच ऐलान छिपते, भेंड़ सरीखे लोग कुछ क़ौमी क़ायरता देख घर में दुबके, चीख़ें लोग मुद्दा कड़वा, विपदा ठोस छीलें कैसे- ईंखें लोग Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp पिछला लेखशिक्षक से संवाद : देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम हिंदी कर रही है – प्रो. आनंद वर्धन शर्माअगला लेखडॉ. राजेश शर्मा का लेख – मंटो हर समाज के लिए हमेशा जरूरी रहेगा डॉ. कृष्ण कन्हैया RELATED ARTICLES ग़ज़ल एवं गीत मनोज कुमार मनोज के गीत August 17, 2024 ग़ज़ल एवं गीत तेजनारायण शर्मा की ग़ज़लें August 3, 2024 ग़ज़ल एवं गीत डॉ आरती कुमारी की ग़ज़लें July 27, 2024 कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें टिप्पणी: कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! नाम:* कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें ईमेल:* आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें वेबसाइट: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed. Most Popular कविताएँ बोधमिता की November 26, 2018 कहानीः ‘तीर-ए-नीमकश’ – (प्रितपाल कौर) August 5, 2018 ‘हयवदन’ : अस्मिता की खोज May 2, 2021 अपनी बात…… April 6, 2018 और अधिक लोड करें Latest संपादकीय – आँखों से जो उतरी है दिल में…!! October 26, 2024 वरिष्ठ साहित्यकार नासिरा शर्मा से नीलिमा शर्मा की बातचीत October 26, 2024 ‘विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम’ द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन October 19, 2024 डॉ. मोनिका देवी की कहानी – तड़पती जिंदगी October 19, 2024 और अधिक लोड करें