होम ग़ज़ल एवं गीत डॉ पुष्पलता की ग़ज़ल – प्यास बैठी है पास पानी के ग़ज़ल एवं गीत डॉ पुष्पलता की ग़ज़ल – प्यास बैठी है पास पानी के द्वारा डॉ. पुष्पलता - August 20, 2023 48 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet रंग सारे उदास पानी के, बस रहें आस-पास पानी के। ओक भी है उदास औ’ लब भी, प्यास बैठी है पास पानी के। आँख छलकी हुयी हैं औ दिल भी, हमसे रिश्ते हैं खास पानी के। तेरा साया सदा निकलता है, यूँ पहन कर लिबास पानी के। आज पानी की है कमी ज़्यादा, यूँ न टुकड़े तराश पानी के। बस वतन के लिये ही लिखते हैं, नृत्य पानी के, रास पानी के। आज पानी का खत़्म है पानी, दर्द भी हैं उदास पानी के। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं गज़ाला तबस्सुम की ग़ज़ल – बच्चों पे कुछ तो रहम किया कर ऐ मुफ़लिसी डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र का गीत – कभी सोचा नहीं था अशोक व्यास की दो ग़ज़लें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.