होम ग़ज़ल एवं गीत निज़ाम फतेहपुरी की ग़ज़ल ग़ज़ल एवं गीत निज़ाम फतेहपुरी की ग़ज़ल द्वारा निज़ाम फ़तेहपुरी - March 6, 2022 48 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet ज़ुल्म कितना तू ज़ालिम करेगा यहाँ। तख़्त से एक दिन तो हटेगा यहाँ।। जितने आए सिकंदर चले सब गए। कब हमेशा रहा जो रहेगा यहाँ।। आग नफ़रत की मिलके बुझायेंगे हम। भाई भाई गले फिर मिलेगा यहाँ।। बाद पतझड़ के आती बहारें सदा। फिर से गुलशन हमारा खिलेगा यहाँ।। काम ऐसा करो की ख़ुदा ख़ुश रहे। लेके जाएगा क्या जब मरेगा यहाँ।। ताज़ तेरा रहा है न मेरा रहा। वक़्त के साथ हर दम फिरेगा यहाँ।। संविधान आज है तो निज़ाम आज है। जो भी छेड़ेगा इसको मिटेगा यहाँ।। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं अनुराग ग़ैर की ग़ज़लें आशुतोष कुमार की ग़ज़ल डाॅ राजेश तिवारी ‘विरल’ का शृंगार-गीत Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.