27 फरवरी, 2022 एवं 6 मार्च, 2022 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीयों पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं

प्रताप रॉव कदम
यूक्रेन रूस युद्ध पर विश्लेषणात्मक संपादकीय, इसमें भारत के लिए भी सबक है।नाटो ने भी उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी,भारत रुस मेत्री हर कसोटी पर खरी उतरी, हमारे भारतीय सिरमौर के विचलन के बाद भी, ट्रंप के समय की गलबहियां याद करें । पर कोई भी समझदार युद्ध का समर्थन नहीं करेगा।
आलोक शुक्ल
एकदम सही बात वैसे युद्ध का समर्थन मै भी नहीं करता लेकिन रूस की यह कार्यवाही ,अमेरिका द्वारा नाटो के विस्तार के खिलाफ है जिसमे जेलेंस्की की कम राजनैतिक समझ भी दोषी है और अभी भी जेलेंस्की हीरो बनने की कोशिश में अपने देश की जान माल का नुकसान कर रहे हैं।
प्रगति टिपणिस
आपने सीमित शब्दों में वर्तमान स्थिति और उसके कारणों की बेहतरीन तस्वीर पेश की है। निस्संदेह युद्ध किसी भी मसले का हल नहीं है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कई बार एकमात्र विकल्प रह जाता है।
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आलोक शुक्ला
अद्भुत सम्पादकीय, इन लाइनों में आपने सब लिख दिया कि शेन वॉर्न की स्पिन बॉलिंग एक तरह से गेंद के साथ लिखी गयी कविता होती थी। उसमें नज़ाकत भी होती थी और हैरानी भी।
आलोक इच्छा, भोपाल
वाह एक अद्वितीय श्रृद्धांजलि एक महानतम लेग स्पिनर को जिसे क्रिकेट जगत में हमेशा हमेशा याद किया जाएगा…..।
डॉक्टर तारा सिंह अंशुल
तेजेन्द्र जी, अभी कुछ समय पूर्व मैंने पुरवाई का संपादकीय “स्पिन के जादूगर का निधन” पढ़ा…
बहुत ही दुखद …समाचार!
स्पिन के जादूगर शेन वार्न इतनी जल्दी दुनिया से रुख़्सती लकर जाएंगे, कल्पना में भी नहीं था।
उनका अचानक ऐसे जाना हममें से कौन सोच सकता था… किंतु चले ही गए छोड़ कर क्रिकेट जगत को।
क्रिकेट की दुनिया में भविष्य के धरोहर, क्रिकेट खेल के दीवानों को इस तरह आश्चर्य चकित दशा में छोड़कर ,
4 मार्च 2022 को अप्रत्याशित रूप से क्रिकेट और दुनिया दोनों को अलविदा कह गये …
पुरवाई के संपादक तेजेंद्र शर्मा जी द्वारा दिवंगत बावन वर्षीय क्रिकेटर शेन वार्न के लिए बहुत ही मर्मस्पर्शी शब्दोंपुष्पों में अपनी संवेदना व्यक्त की है।
आपको साधुवाद, और मैं भी देवदत्त आत्मा को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ।
शन्नो अग्रवाल, लंदन
बहुत दुखद। क्रिकेट की दुनिया के दो प्रसिद्ध खिलाड़ी, रॉडनी मार्श व शेन वार्न का एक साथ चले जाना विश्व को सदमे में डाल गया। आपने उनके बारे में बताकर, सम्मान प्रकट करते हुये बहुत ही सुंदर श्रद्धांजलि दी है।
जीवन का न कोई ठिकाना
आज हैं यहाँ कल है जाना
उड़ती पतंग आज इस ओर
पता नहीं कब कट जाये डोर।
दोनों दिग्गज खिलाड़ियों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।

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