खेल खेल में बच्चों का शारीरिक बौद्धिक एवं सामाजिक विकास होता है और वे भाषाई निपुणता हासिल कर अपनी स्वतंत्र पहचान बना लेते हैं। बच्चों की बुद्धि स्पंज की भाँति होती है जो कि अधिक से अधिक जानकारी को सोखने में आत्मसात करने की क्षमता रखती है।
गुरुकुल यू.के. के विद्यार्थी कहानी, कविता एवं चित्रकला आदि को अपने अंदाज़ में प्रस्तुत करना सीखते हैं… श्लोक, मंत्रों का उच्चारण करते हैं… जिससे उसमें सीखने के साथ-साथ आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है।
गुरूकुल की प्राध्यापिका इंदु बैरोठ ने ये पेंटिग्स पुरवाई को भेज कर हमारे साथ साझा किया कि नए साल के उत्सव को उनके विद्यार्थियों ने लॉकडाउन में कैसे मनाया। इस बारे में गुरुकुल के बच्चों ने अपनी भावनाएँ पन्नों पर उतारी हैं। कुछ बच्चों ने पेंटिंग में अपने नाम लिख दिये हैं जबकि कुछ एक यह करना भूल गये। लीजिये आप भी अवलोकन कीजियेः-