Saturday, July 27, 2024
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यामिनी गुप्ता का व्यंग्य – दो हजार का नोट

मैं ₹2000 का नोट बोल रहा हूं: हमारा आपका साथ और कुछ माह दिन और घंटों का रह गया है।
लोग 8 बजे की वेट करते रह गए, मोदी जी ने 6 बजे धमाका कर दिया। शायद जापान में 8 बजे होंगे उस समय जब यह घोषणा हुई।
और यह खबर सुनते ही अलबेली जी यानि कि मैं निकल पड़ी, आम जनता से इस बारे में राय लेने। मैंने पत्रकारों वाला चोला धारण किया। खादी का कुर्ता और नीली जींस और अपना माइक हाथ में लेकर चल पड़ी.. गली-गली, चौराहे-चौराहे और बस्ती-बस्ती।
सबसे पहले सामने दिख गये शर्माजी ।
अलबेली : आज जो ये 2000 रु के नोट सितंबर तक बदलने की घोषणा हुई है, उसके बारे में आपकी क्या राय है?
शर्मा जी : एक तो हम नौकरीपेशा हैं। अब नौकरीपेशा को तो बंधी बंधायी तनख्वाह मिलती है।और उस पर भी मार्च की तनख्वाह तो पूरी टैक्स में कटकर ही हाथ में आती है। फिर भी अगर शहर में 10 बैंक हैं तो आम आदमी सुबह से शाम तक दो लाख रुपये आराम से बदल सकता है। खैर हमें क्या! – इतना कहकर निकल लिये शर्माजी।
कुछ आगे बढ़ी मैं तो सक्सैना जी दिख गये __
“सक्सैना जी!! वैसे जी इसका कुछ फायदा गवर्नमेंट को होगा क्या किसी तरह की इसमें कोई तैयारी नजर आती है आपको ?”
सक्सैना जी जरा तिलमिलाये__ “मेरे पास होते तो मैं फेसबुक ना चला रहा होता। बैंक में जमा करने का जुगाड़ लगाता और अपना बी.पी नपवा‌ रहा होता।
मेरे हाथ में माइक देखकर दो तीन आटो चलाने वाले भी आकर खडे़ हो गये थे।
एक जन बोलाम, “अजी अलबेली जी ! आपको पता कि इससे हम गरीबों को क्या मिलेगा!”
मैं विमूढ़ बुद्धि बोली – क्या मिलेगा आप लोगों‌ को ?
वो मेरे अल्पज्ञान पर हंसते हुए बोला – अजी रोजगार मिलेगा हम लोगों को। पिछली बार तो हम मौका चूक गये थे पर अबकि नहीं चूकेंगे । आपदा में अवसर।
गरीब आदमी फिर लगेगा लाइन‌ में, नोट बदलने के लिए फिर वही काम में आयेगा। इस फैसले से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा बैंक की लाइन में लगने का। गरीब आदमी खुश है आलाकमान के इस फैसले से।
दूसरा आदमी बोला “हम गरीबों के पास एको दो हजारी नहीं है इसलिए हम तो खर्राटे मारकर सोयेंगे। “
बरफ के गोले वाला भी अपना ठेला छोड़ इधर ही चला आया, जो लोग भीख मांगने चौराहे पर खड़े रहते हैं, वह भी 2000 के 10 -10 नोट जमा करने बैंकों के सामने लाइन में खड़े रहेंगे।
अलबेली : हांय!! इतनी कमाई है क्या इस व्यवसाय में??
“और क्या मैम!! हींग लगे ना फिटकरी और रंग भी चोक्खा।”
इतने में आधी आबादी यानि की कुछ गृहिणियों का जत्था मेरी तरफ बढ़ने लगा था। आम, खास जनता जरा साइड से खडी़ हो ली।
एक महिला – मोदीजी भी महिला विरोधी हैं । हां हम सबकी पसंद पिंक कलर के 2000 के नोट ही बंद कर दिये।
एक तंदुरुस्त-सी महिला मेरे हाथों से माइक छीनने की कोशिश करती हुई बोलीं – “7साल में मुश्किल से थोड़े बहुत जमा किये थे,अब फिर निकाल लिए मोदी ने…”।
साड़ी धारण की हुई एक सुगृहिणी बोलीं – हम विरांगनाएं पिछली दफे नोटबंदी में मोटा‌ घाटा खाकर बैठी थीं इस बार हम सब पत्नियों ने चालाकी की। जो माल 2000 के रुप मे ना छुपाया। कहकर खिलखिला दीं।
एक महिला जो कि बहुत रुंआसी सी हो रही थी। मैंने पूछा – क्या हुआ आंटी जी?
दुखी होने के कारण उसने आंटी जी _ संबोधन को इग्नोर मार दिया। क्या बताऊं अलबेली __ मैंने एक बार भावुक हो कर अपने पतिदेव को बता दिया कि मेरे पास इतना अमाउंट है फिर तो, कोई भी काम होता तो बोलते हैं तेरे पास है न !! उसमें से खर्च कर ले। । वो दिन आज का दिन कुछ न बताती मैं।
काला कोट धारी एक वकील साहब बोले…
कल ही एक क्लाएंट ने मुझे 2000 का दो नोट दिया है_ वकील साहब मुझे जरा उदास दिखे।
तभी एक गुप्ताजी जो कि भीड़ में खडे़ बहुत देर से सभी लोगों की राय सुन रहे थे – बोल उठे
अमीर लोगों की जिंदगी में दिक्कतें भी अलग होती हैं… पर हमें क्या ? हमारा तो सब काम नंबर एक का है_ जितने का माल बेचते हैं, अगले दिन बैंक में जमा कर देते हैं।
काली मर्सिडीज में उतरे भल्ला साहब भी भीड़ देखकर इधर ही आ गये.. बोले – अब प्रॉपर्टी के दाम बढ़ जायेंगे अगर 2000 के नोटों में पेमेंट हुआ तो। इस बार बहुत कम नोट होंगे लोगों के पास। बहुत दिन से बैंक, एटीएम दे ही नहीं रहे ये नोट। इसलिए इस बार मारामारी की जरूरत नहीं पड़ेगी शायद।
सोना कुछ दिन के लिए उछाल मारेगा।
गले में मोटी सोने की चेन हाथों में रंग बिरंगी नग वाली अंगूठियां पहने एक सेठजी बोले – अलबेली!! पिछली बार जो हो गया वो भूल जाओ । उसके सारे दाएं बाएं देखकर ही ये साढ़े चार महीने का समय दिया है। आयी बात समझ में__ये साढ़े चार महीने बहुत समय है सबके पास । घुमा लो कितना घुमा सकते हो । कुछ तो पिछले नोट बंदी से सबक लिया होगा ।
इतने में एक सज्जन मुझे बहुत खुश दिखे । मैंने माइक उनकी तरफ बढ़ाया – क्या है आपकी खुशी का राज??पत्नियों द्वारा ठिकाने लगाया गया माल, फिर से मिलने वाला है। बधाई हो_ !! तुमको भी और हम सब मासूम पतियों को भी।
मासूम और पतियों के विरोधाभास पर मैं कुछ कह पाती इससे पहले ही कालेज की कुछ छात्रायें भी अपने विचार व्यक्त करने आ गयीं —
” 2000 के नोट पर जब मंगलयान छपा तभी मैं समझ गई थी कि यह नोट  जल्दी ही भारतीय अंतरिक्ष की कक्षा से बाहर होगा “।
सब लोग आयें और भक्त लोग ना आयें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। सफेद कुर्ता पाजामाधारी दो चार नौजवान भी इधर को ही लपक लिये, हंसकर कहने लगे – “पिछली दफा 4000 रुपये मे 4 साल निकाल दिए अपने देश के युवराज ने, 20,000 में तो उनकी जिन्दगी कट जाएगी..
आम-खास नेता महिला पुरुष सब हंस पडे़ उसकी इस बात पर। बड्डे लोगां दी बड्डी-बड्डी गल्लां , सानुं की!!
एक कोमल हृदय का भगत बोला __”2024 लोक सभा चुनाव तक तो जीवित रखते 2000/ के नोट को। कम से कम विपक्षियों की गालियां तो नही सुननी पड़तीं।”
एक आम आदमी आज वास्तव में खुश दिख रहा था – “जहां से ज्यादा निकले वहीं छापे। 2024 से पहले फिर विरोधीयों पर प्रहार कर दिया। बहुत से ग़रीबों को अब 23 मई के बाद अक्सर बैंक का चक्कर काटते देखा जा सकता है।”
“अजी!!गरीब नही ईमानदार बोलिये…”
इतना में एक शायर नुमा व्यक्ति अपने दिलजली शायर लेकर आ आये __
“अभी ना जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं
2016 में तो आए हो दिलों में भी छाए हो
कभी तो कुछ कहा नहीं
कभी तो कुछ सुना नहीं नहीं !!नहीं !!नहीं!!”
और इस अलबेली ने भी अपने घर की ओर प्रस्थान किया.. नतीजा जे निकला कि जो 2000 का नोट शुरु करने के नुकसान बता रहे थे, वही अब इसके बंद होने के नुकसान बतायेंगे।
खैर! देश का, राष्ट्र का भला हो, इससे ज्यादा मुझे क्या ?

यामिनी गुप्ता
प्रकाशित साहित्यिक कृतियां
एकल काव्य संग्रह : शिलाएं मुस्काती हैं
साझा व्यंग्य संग्रह : चाटुकार कलवा
साझा काव्य संग्रह : आज के हिंदी कवि (खण्ड१)  (दिल्ली पुस्तक सदन द्वारा) तेरे  मेरे शब्द (साझा) शब्दों   का कारवां (साझा) खिली धूप हैं हम (साझा) काव्य किरण  (साझा ) पल पल दिल के पास (साझा)
सम्मान : काव्य संपर्क सम्मान, नवकिरण सृजन सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान (हिंदी साहित्यिक सृजन  द्वारा वर्ष २०२१)
संपर्क – 9219698120, [email protected]
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