बॉडी फ्रीज़र
“पापा मम्मी, मुझे सब कुछ आपने दिया… इतनी अच्छी एजुकेशन, भरपूर प्यार दुलार और विदेश जाने का अवसर भी… अब जिंदगी में सिर्फ एक ही कमी खलती है कि मुझे आपसे दूर रहना पड़ रहा है.. लेकिन मैं भी क्या करूं..??? मेरे टैलेंट और एक्सपीरियंस के हिसाब से अब भारत में मेरे लिए कोई अपॉर्चुनिटी और पैकेज भी तो नहीं है..” भारत से वापस जाने का समय नजदीक आते ही बेटे ने भावुक होते हुए कहा।
“मैंने ऑक्सीजन सिलेंडर, न्यूमेंलाइजर ब्लड प्रेशर और डायबिटीज चेकअप के एडवांस इंस्ट्रूमेंट भी लाकर रख दिए है। संजीवनी हॉस्पिटल में दादा जी, दादी जी और आप दोनों के मंथली चेकअप का साल भर का एडवांस भी जमा कर दिया है… वहां से हर महीने एक हेल्थ वर्कर आकर आपका चेकअप ही करेगा और आपके एक फोन पर रूटीन टेस्ट के लिए भी आ जाएगा… वहां के एक्सपर्ट्स के भी नंबर ले लिए है मैंने… मैं आपकी सेहत के लिए उनके कांटेक्ट में रहूंगा…. प्लीज आप लोग भी अपनी सेहत में कोई लापरवाही मत बरतना। अमेरिका में तो सभी बहुत हेल्थ कॉन्शियस हैं।” बेटे ने अपनी कुछ जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास किया था।
“हां, तुम ठीक कह रहे हो बेटा…” मां ने सभी की ओर से आश्वस्त कर दिया था।
“पापा, मैं अमेरिका जाने का टिकट बुक कर रहा हूं… कोई और जरूरी बात,जरूरी चीज हो, मुझे जो आपके लिए मुझे लेकर आनी हो या बुक करनी हो तो आप मुझे बता दें ।”बेटे ने अपना टिकिट बुक करने के लिए लैपटॉप खोलते हुए कहा।
“बेटा तुम ही इस घर की रौनक रहे.. तुम्हारे जाने के बाद अमेरिका वासी बेटे का इंतजार ही सबसे जरूरी चीज बन जाता है …हम कितने भी हेल्थ कॉन्शियस रहें पर मृत्यु अटल सत्य है। हम यह जानते हैं कि हम चारों में से किसी के भी अंतिम सांस लेने पर तुम्हारी इच्छा अंतिम दर्शन करने के लिए जल्दी से जल्दी भारत आने की रहेगी… इस दूरी को तय करके यहां आने में लगने वाले समय के बाद तुम्हारे मन में हमारी विकृत छवि ना बने इसके लिए मृत देह को तुम्हारे आने तक सुरक्षित रखने के लिए अब बस एक ही चीज जरूरी लगती है …..बेटा तुम एक बॉडी फ्रीज़र बुक कर दो..” पापा की रुंधे गले से बतलाई गई इस जरूरत के बाद एक मौन पसर गया था कमरे में ….बेटे की भी उंगलियां अपना टिकट बुक करते हुए कांप कर रुक गई थीं।
डिमेंशिया