चित्र में (बाँये से दाँये) उपन्यासकार डॉ. हंसा दीप, कवि प्रो. जगमोहन हुमड़, धर्मपाल महेंद्र जैन, श्री विकास स्वरूप, श्री सुनील शर्मा, द्वितीय सचिव (संस्कृति) और कवि डॉ. वीरेंद्र भारती।_______________________________________________________________________
कनाडा की राजधानी ओटावा में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर बोलते हुए सुप्रसिद्ध उपन्यासकार एवं भारत के उच्चायुक्त श्री विकास स्वरूप ने कहा कि लोक तत्व से जुड़ कर ही कोई भाषा विश्व भाषा बन सकती है। यह सरकारी अध्यादेशों से तो संभव नहीं है। हिंदी राष्ट्रभाषा, राजभाषा एवं संपर्क भाषा के सोपानों से होते हुए अब विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कनाडा में हिंदी के बढ़ते हुए वर्चस्व के प्रति प्रसन्नता व्यक्त की।
इस अवसर पर शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित श्री धर्मपाल महेंद्र जैन के काव्य संकलन ‘इस समय तक’ का विमोचन  किया गया। श्री संतोष के सुमधुर गीतों की प्रस्तुति के साथ सर्वश्री जगमोहन हुमड़, धर्म जैन, सरन घई, अखिल भंडारी, गोपाल बघेल, संदीप त्यागी, सुश्री रश्मि, मीना चोपड़ा, डॉ. शैलजा सक्सेना, कृष्णा वर्मा, डॉ. साधना जोशी, भुवनेश्वरी पांडे, सविता अग्रवाल आदि कवियों के रचना पाठ ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। हिंदी मंच कनाडा के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र भारती ने इस उत्सव का सफल संचालन करते हुए अपने हास-परिहास से श्रोताओं को बाँधे रखा।

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