चालान की दुनिया में आजकल नया चलन आ गया है। देश में समस्त प्रकार की पत्नियां अपने समस्त प्रकार के पतियों को रात में हेलमेट लगाकर सुलाती है और हाथ में गाड़ी के कागजात, लाइसेंस, बीमा आदि थमाकर पाउडरी दूध की ग्लास पकड़ाती है। यह कहना बेकार है कि समस्त प्रकार के पति भी क्या करते हैं? वे भी अपनी पत्नियों को ठीक इसी प्रकार के चालानी आभूषणों से सजा-संवरा कर गुड नाईट करते हैं ताकि प्रातः उठते ही चालानी दुनिया के चक्र में चक्कर न खाएँ।
इधर एक सीन जोरदार दिखाई पड़ रहा है। एक अर्थी जा रही है। मुर्दा सिर पर हेलमेट लगाए हुए नश्वर संसार को मोटर व्हीकल एक्ट का ज्ञान बाँट रहा है। मुर्दे के बाएं हाथ में गाड़ी के कागजात और लाइसेंस समाए हैं। दाएं हाथ ने उसके बीमे की रसीद पकड़ रखी है। मुर्दा सीधा शमशान जा रहा है। उसे डर है कि कहीं शमशान के भूत उन पर चालान न काट दे। इधर मार्केट में तरह-तरह की दलाल पैदा हो गए हैं।
मोटर चालान कारोबार तेजी से बढ़ गया है। एक विज्ञापन दिखाई दे रहा है। उसमें यह कहा जा रहा है कि अगर आपका चालान हो गया है तो आप डरिए नहीं! चालान होते समय घबराइए नहीं। सीधे हमारे पास आ जाइए! हम गुर्दे के बदले चालान भरते हैं। हम लीवर, फेफड़ों और आँखों के बदले चालानी सौदा करते हैं। इधर गुर्दा जमा कराइए, उधर चालन से मुक्ति पाइए।
बैंक वाले तरह-तरह के विज्ञापन दे रहे हैं। लोन देने वाले झाँसेबाज फेसबुक, मोबाइल, ट्विटर, व्हाट्सएप आदि पर तरह-तरह के चालानी लोन ऑफर कर रहे हैं। अगर आपका चालान कट गया तो घबराइए नहीं। सीधे हमारे फोन नंबर पर सिर्फ एक मिस कॉल दीजिए और तुरंत चालान से बचने के लिए लोन लीजिए! हमारा पता है सदाबहार चालानी लोन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी!
परिवहन विभाग के निजी अधिकारियों ने घर-घर में चालान से बचने-बचाने के लिए कुटीर उद्योग खोल लिए हैं। इस कुटीर उद्योग में चालान की राशि का 30 फीसदी जमा कराने पर तुरंत ही चालान से मुक्ति दे दी जाती है। इसके लिए चालान काटने वाला स्वयं ही चालान कुटीर उद्योग का पता बताता है। नियम पूर्वक राशि जमा कराने पर चालान सागर से पार कराने का बीड़ा स्वयं ही उठाता है।
पीछे की गली में एक बंगाली बाबा जोर से चिल्ला रहे हैं –‘अगर आप मोटरसाइकिल पर जाते हैं, तो आपको चालान कटने की जरूरत होगी। आप कार से जाते हैं तो आपका चालान जरूर कटेगा। याद रखें अगर आप पैदल जा रहे हैं तब तो चालान अवश्य ही कटेगा! इन चालानी शैतानी ताकतों से पार पाने के लिए बंगाली बाबा ने कब्रिस्तान में भूतिया रूहानी ताकतों के साथ मिलकर असली प्राचीन चालानी ताबीज तैयार किया है। सिर्फ 551 डॉलर देकर असली चलानी ताबीज गले में धारण कीजिए और मोटर व्हीकल एक्ट के सारे ही नियमों को धत्ता बताते हुए, गच्चा देकर सीधे ही परिवहन अधिकारी की खोपड़ी पर गाड़ी चलाइए।
बंगाली बाबा के काले जादू वाला लाल रंग का यह चालानी ताबीज लेकर ही जाइएगा।‘ पीछे गली में शादी में एक सीन इस प्रकार है। पत्नी पति से कह रही है –‘अगर तुम मेरी गाड़ी का चालान भरने की योग्यता रखते हो तो मैं 7 वाँ फेरा खाऊँ। वरना अभी उठ कर अपने घर चली जाऊँ। जब तक तुम चालानी शर्तें नहीं भरोगे तब तक तुम्हारे वाम अंग नहीं आऊँ। जल्दी बोलो वरना पंडित को खा जाऊँ।‘ इधर तरह-तरह के कोचिंग सेंटर भी खुल गए हैं। यहाँ पर चालान से बचने के लिए उपाय बताए जा रहे हैं। चालान से बचने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। चालान से बचकर पतली गली में कैसे खिसकें इसके उपाय बताए जा रहे हैं।
अखबार में बड़े-बड़े विज्ञापन आ रहे हैं –‘हमारे प्रिय पतिदेव श्री दुर्दांत जी आज चालान से बच कर घर आ गए हैं। सारा परिवार गर्वोन्मुखी है। हमारे दुर्दांत जी द्वारा चालान से बचकर सकुशल घर आने पर कोटि-कोटि शुभकामनाएं! मोटर व्हीकल एक्टाय: नम:!‘ हे मोटर व्हीकल एक्ट! जीवन में तुम ही हो फैक्ट! डॉलर खींचना ही है तुम्हारा टैक्ट! हे आम कहलाने वाले आदमी! तुम्हारी तो अवश्य ही जय-जय कार है। तुम कितने जिद्दी हो! भले ही पिद्दी हो! अपनी किडनी दे दोगे लेकिन हेलमेट नहीं पहनाेगे! अरे लाला! किडनी मत दे और हेलमेट पहन ले!
फ्रॉयड होते तो भारतीय लोगों के मनोविज्ञान को सटीकता से पकड़ने की आपके कला की सरहना करते।