Saturday, July 27, 2024
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कमला नरवरिया की बाल कविता – चिड़िया रानी

चिड़िया रानी चिड़िया रानी
तुम लगती हो बड़ी सयानी
फुर्र फुर्र करके उड़ जाती हो
जाने कहां तुम चली जाती हो
पल भर में ही फिर आ जाती हो
सदैव मस्ती के मूड में नजर आती हो
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
तुम लगती हो बड़ी सयानी
नीम के पेड़ पर सकोरे में
तुम्हारे लिए रखा है दाना पानी
जल्दी दाना चुगने आ जाओ
बनो ना तुम अभिमानी
मेरे साथ भी थोड़ा सा खेलो
करो ना तुम आनाकानी
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
तुम लगती हो बड़ी सयानी
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