नवेंदु उन्मेष का व्यंग्य – राजनीति में नेतापुत्र की लॉन्चिंग

शहर का एक जानामाना पत्रकार होने के नाते मुझे नेताजी के कार्यालय से एक निमंत्रण आया जिसमें लिखा था अमुक स्थल पर अमुल समय पर एक खूबसूरत प्रोड्क्ट की लांचिंग की जायेगी। मैं भी समय पर उक्त स्थल पर पहुंच गया। वहां पहुंचकर देखा...

दिलीप कुमार का व्यंग्य – पबजी, लव जी और भौजी

कारगिल युध्द के बाद भारत के अनमोल रत्न सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि -  “जब देश की  सीमा पर हमारे जवान पाकिस्तान से युद्ध लड़ रहे हों तो ऐसे समय में पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने का कोई मतलब नहीं है“। सीमा पर चल रहे...

डॉ. रामवृक्ष सिंह का व्यंग्य – पैसा तो हाथ का मैल है

बचपन से सुनते आए हैं कि पैसा तो हाथ का मैल है। इससे क्या द्योतित होता है, यह तो विद्वज्जन ही बता सकते हैं। सुना बहुत है, किन्तु इतने लम्बे जीवन-काल में ऐसा कोई माई का लाल न मिला, जिसने पैसे को मैल समझा...

सावित्री शर्मा ‘सवि’ का व्यंग्य – मुंगेरीलाल के सपने और टमाटर

मुंगेरीलाल जी को अपनी दुर्गति और टमाटर की सद्गति देख ख़ुद पर बड़ा रहम, अफ़सोस, ग़ुस्सा और भी जाने क्या क्या आ रहा है। एक टमाटर की औक़ात आसमान छुए, अरे आसमान तो उन्होंने ख़ुद भी छुआ है सपने में उड़ कर, पर आँख...

दिलीप कुमार का व्यंग्य – हिंडी

मोहेश कुमारे भारत सरकार को बरसों से दुहते आये हैं , पूरे देश के हर आलीशान हिंदी सम्मेलन में इनकी उपस्थिति उसी तरह अनिवार्य होती है जैसे नाई और पंडित के बिना सनातन विवाह सुचारू रूप से सम्पन्न नहीं हो पाते। बस दोनों के...

यामिनी गुप्ता का व्यंग्य – दो हजार का नोट

मैं ₹2000 का नोट बोल रहा हूं: हमारा आपका साथ और कुछ माह दिन और घंटों का रह गया है। लोग 8 बजे की वेट करते रह गए, मोदी जी ने 6 बजे धमाका कर दिया। शायद जापान में 8 बजे होंगे उस समय जब...