हर खुदी को सवाल देते हैं
बेखुदी जब उछाल देते हैं
सारी दुनिया धधकने लगती है
हम जो आँसू निकाल देते हैं
हम दुआओं के खजाने वाले
मुफलिसी को भी लाल देते हैं
जब ये अग्नि झपकने लगती है
अपने पानी से बाल देते हैं
तेरे चेहरे में है सियासत सुन
हम मुखौटा निकाल देते हैं
जितना दिखता है तू नहीं भोला
हम भी चालों को चाल देते हैं
तू मिसालें उठा के लाएगा
हम तो अपनी मिसाल देते हैं
तुमसे पलती नहीं है इक यारी
हम तो दुश्मन को पाल देते हैं

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