होमग़ज़ल एवं गीतसूबे सिंह सुजान की ग़ज़ल ग़ज़ल एवं गीत सूबे सिंह सुजान की ग़ज़ल By सूबे सिंह सुजान December 25, 2022 3 144 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp धुआं जम गया है, हवा की कमी से। कोई जैसे नाराज़ है ज़िन्दगी से।। न अब धूप अच्छी न मौसम खुला है, गगन को,धरा को, ढका है नमी से।। हवा,आग, पानी खफा हो गए हैं, शिकायत है आकाश को आदमी से। हमीं ने बनाये, उदासी भरे दिन, कि मौसम मिले आज बेमौसमी से। हमें खेत जंगल बनाने पड़ेंगे, हमारी हवा ठीक होगी उसी से। Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp पिछला लेखडॉ जया आनंद की कहानी – है न!अगला लेखडॉ तारा सिंह अंशुल की कविता – वतन प्रहरी जांबाज़ वो सरहदों पर डटे हैं सूबे सिंह सुजानसंपर्क - [email protected], 9416334841 RELATED ARTICLES ग़ज़ल एवं गीत सुमन शर्मा की ग़ज़लें July 20, 2024 ग़ज़ल एवं गीत सोनिया सोनम की ग़ज़ल July 20, 2024 ग़ज़ल एवं गीत अनिला सिंह चाढ़क की ग़ज़लें July 13, 2024 3 टिप्पणी धन्यवाद जी पुरवाई टीम को नमस्कार जवाब दें धन्यवाद जी पुरवाई टीम को नमस्कार ।।।। जवाब दें बहुत सुंदर रचना सुजान जी जवाब दें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें टिप्पणी: कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! नाम:* कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें ईमेल:* आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें वेबसाइट: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed. Most Popular कविताएँ बोधमिता की November 26, 2018 कहानीः ‘तीर-ए-नीमकश’ – (प्रितपाल कौर) August 5, 2018 ‘हयवदन’ : अस्मिता की खोज May 2, 2021 विनीता परमार की कहानी – घोषा April 12, 2020 और अधिक लोड करें Latest लालित्य ललित का व्यंग्य – पांडेय जी सम्मान मंडी में July 20, 2024 संजय अनंत की तीन कविताएँ July 20, 2024 उपासना सियाग का लेख – केमद्रुम योग July 20, 2024 नरेंद्र कौर छाबड़ा की कहानी – वापसी July 20, 2024 और अधिक लोड करें
धन्यवाद जी
पुरवाई टीम को नमस्कार
धन्यवाद जी
पुरवाई टीम को नमस्कार ।।।।
बहुत सुंदर रचना सुजान जी