होम ग़ज़ल एवं गीत नीलम वर्मा की ग़ज़ल ग़ज़ल एवं गीत नीलम वर्मा की ग़ज़ल द्वारा Editor - May 28, 2023 203 1 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet हर्फ-ए-रोशनाई की, अब कसम उठा लो तुम इश्क़ के फसाने को, मिटने से बचा लो तुम साज़ दिल का है खामोश , महफ़िलें हैं बेरंग सी शम्आ रह गई तन्हा, सोज-ए-शब संभालो तुम साकी के कदम दोनों, डगमगा रहे हैं अब ज़हर से भरा ये जाम, लब से अब हटा लो तुम देख कर सबा हमको, रूठ जाए ना हमसे उसकी मेज़बानी में, गीत कोई गा लो तुम साँस साँस उम्मीदें, चश्म-ए-नम की सौग़ातें हैं कहाँ छुपी खुशियाँ , राज़ खोल डालो तुम कौंधती है जब बिजली लहरें सब लरजती हैं तूफाँ में कोई आ कर, राह तो निकालो तुम नक़्श आसमानों में, मुमकिन ही नहीं ‘नीलम’ जो फ़लक से ऊँची हो, वो सदा लगा लो तुम नीलम वर्मा संपर्क – 9811140216 संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं डॉ. दिलावर हुसैन टोंकवाला की ग़ज़लें अनिला सिंह चरक की ग़ज़लें विज्ञान व्रत की पाँच ग़ज़लें 1 टिप्पणी पुरवाई एवं तेजिन्दर जी का हार्दिक धन्यवाद! – नीलम वर्मा जवाब दें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.
पुरवाई एवं तेजिन्दर जी का हार्दिक धन्यवाद!
– नीलम वर्मा