होम Home डॉ मुक्ति शर्मा की कविता – जाने क्या है…! Home डॉ मुक्ति शर्मा की कविता – जाने क्या है…! द्वारा डॉ. मुक्ति शर्मा - June 19, 2022 137 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet जाने क्या है? खलिश है खला है जाने क्या है ये कुछ मुझ में प्रज्वलित है जाने क्या है…। आंखों से दिल का हाल बयां हुआ है होंठ क्यों सिले हैं जाने क्या है। अभी तक कोलाहल में तल्लीन है यह कंपन यही बस तरतीब है जाने क्या है। दुनिया की परवाह ना जाने क्या है… पत्थर बना है मोम जाने क्या बला है। जहां तक देखती हूं तुम ही तुम हो मगर एक मध्यांतर है जाने क्या है…। बड़ी मासूम और भोली सी लगी मोहब्बत क्या गजब है जाने क्या है। मुझे बनाकर गुलाम खुदा आका बन चला है जाने क्या है…। बसे घर में लगा कर आग खुद भी फना होने चला है जाने क्या है। मुर्दा शरीर में रुह फूंक कली को फूल बना चला है जाने क्या है…। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं सपना सिंह का उपन्यास अंश – ‘अनंत में अंत’ जया केतकी की कलम से – खुलते गए द्वार अंजू खरबंदा के संस्मरण संग्रह ‘किंग्ज़वे कैम्प, दिल्ली 9’ से एक अंश कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.