रिपोर्ट : आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में विशेष पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन
जो प्रकृति नहीं, तो हम कहां !
‘समंदर में प्लास्टिक का कचरा न बहाओ
“वन-उपवन का किया सर्वनाश,
“तुम्हारी ख्वाहिशों के तने पर
रत्नों को मैं धारण करती,
स्नेह से सिंचित धरा
रंग बिरंगी सुंदर सुंदर
बरगद, अँबुवा ,पीपल प्यारे
हो पर्यावरण की शुद्धि,
प्रकृति चीख चीखकर कर करती है पुकार ।
अन्न-धन से परिपूर्ण अन्नपूर्णा को
अपना रूप दिखाती कभी सुनामी बन कर
एक रात एक नन्हा पौधा फूट-फूट कर रोया।
देश की धरती करे पुकार ,
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