कारगिल विजय दिवस पर डॉ. यासमीन मूमल की ग़ज़ल – बच नहीं पाता कोई भारत से टकराने के बाद
परचमे’ इंसानियत सरहद पे लहराने के बाद।
कारगिल की जंग से दुश्मन ये ले ले अब सबक़।
पीछे हटना हमने सीखा ही नहीं है फ़ितरतन।
जान दे देंगे वतन के वास्ते सच मानिये।
“यास्मीं” को है यक़ीं अब देखकर सेना ए हिन्द।
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वाह यास्मीन ख़ूब कहा ,जय हिंद
Dr Prabha mishra
प्रभा जी बहुत शुक्रिया