होमग़ज़ल एवं गीतनिज़ाम फतेहपुरी की ग़ज़ल ग़ज़ल एवं गीत निज़ाम फतेहपुरी की ग़ज़ल By निज़ाम फ़तेहपुरी October 24, 2021 0 101 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp नाम लिक्खा छुरी, जिसने छूरी नहीं हमसे क़ाबिल हो वो, ये जरूरी नहीं बन गए क्यों ग़ज़ल, के बहुत से नियम जानकारी किसी, को थी पूरी नहीं इतना आसाँ नहीं, सीखना शायरी लफ़्ज़ कम बात हो, पर अधूरी नहीं राह अपनी अलग, सोच अपनी अलग फिर भी अपनी किसी, से है दूरी नहीं काम शायर का बस, सच है कहना ‘निज़ाम’ करना दरबार मे, जी-हुज़ूरी नहीं Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp पिछला लेखरमेश कुमार ‘रिपु’ की कलम से ‘बलम कलकत्ता’ की समीक्षा – अलग बुनावट की कथाअगला लेखनिधि भार्गव ‘मानवी’ की कहानी – नज़र निज़ाम फ़तेहपुरी RELATED ARTICLES ग़ज़ल एवं गीत मनोज कुमार मनोज के गीत August 17, 2024 ग़ज़ल एवं गीत तेजनारायण शर्मा की ग़ज़लें August 3, 2024 ग़ज़ल एवं गीत डॉ आरती कुमारी की ग़ज़लें July 27, 2024 कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें टिप्पणी: कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! नाम:* कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें ईमेल:* आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें वेबसाइट: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed. Most Popular कविताएँ बोधमिता की November 26, 2018 कहानीः ‘तीर-ए-नीमकश’ – (प्रितपाल कौर) August 5, 2018 ‘हयवदन’ : अस्मिता की खोज May 2, 2021 अपनी बात…… April 6, 2018 और अधिक लोड करें Latest राकेश कुमार दुबे का लेख – समाज के मनोविज्ञान से संवाद : जैनेन्द्र का परख October 5, 2024 प्रो. सरोज कुमारी की कलम से – सांप : संघर्ष में लिपटी एक प्रेम कथा October 5, 2024 दीपक गिरकर की कलम से – समकालीन रचनाओं का एक अनूठा काव्य संग्रह है “धार फूलों की” October 5, 2024 दीपक शर्मा की कहानी – कुल जोड़ October 5, 2024 और अधिक लोड करें