होम ग़ज़ल एवं गीत होली पर निज़ाम फतेहपुरी की ग़ज़ल ग़ज़ल एवं गीत होली पर निज़ाम फतेहपुरी की ग़ज़ल द्वारा निज़ाम फ़तेहपुरी - March 28, 2021 296 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet खेलन को होली आज तेरे द्वार आया हूँ। खाकर के गोला भांग का मैं यार आया हूँ।। मानो बुरा न यार है त्यौहार होली का। खुशियाँ मनाने अपने मैं परिवार आया हूँ।। छिपकर कहाँ है बैठा जरा सामने तो आ। पहले भी रंगने तुझको मैं हर बार आया हूँ।। चौखट पे तेरे आज भी रौनक है फाग की। शोभन में पाने प्यार मैं सरकार आया हूँ।। होली निज़ाम खेल के मस्ती में मस्त है। कुछ तो करो कृपा तेरे दरबार आया हूँ।। संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं अनिला सिंह चरक की ग़ज़लें विज्ञान व्रत की पाँच ग़ज़लें डॉ मनीष कुमार मिश्रा की ग़ज़ल कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.