17 जनवरी, 2021 के अंक में प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय ‘मलेशिया ने दिया पाकिस्तान को झटका’ और आकांक्षा पारे के निधि राज़दान प्रकरण पर केन्द्रित आलेख पर संदेश के माध्यम से प्राप्त प्रतिक्रियाएं।
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अज्ञात
आकांक्षा पारे का ये आलेख टू दी पॉइंट लिखा गया है ये एनडीटीवी की पत्रकार निधि राजदान का मामला बेशक चार सौ बीसी का है ही, फिर भी क्या कैसे हुआ ? अभी भी सच्चाई कोसों दूर है। जांच में कुछ दिन लटकेगा मगर हकी़क़त सामने आएगी ज़रूर । बशर्तें जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।
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डॉ. तारा सिंह अंशुल
घर अलग बना लेना, और अलग घर को चलाना ये दो अलग अलग बातें हैं। कायदे आज़म तो अलग घर बनवा कर अपना नाम इतिहास में सुरक्षित करवा के निकल गए। अब रह गए इमरान मियाँ, क्या करें?
खुल के कहूँ तो होवे रसवाई।
चुप में जिअरॉ भसम हुई जाए।।
आप भी दुआ करो इमरान जैसे हुक्मरानों के लिए।
-निखिल कौशिक