17 जनवरी, 2021 के अंक में प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय ‘मलेशिया ने दिया पाकिस्तान को झटका’ और आकांक्षा पारे के निधि राज़दान प्रकरण पर केन्द्रित आलेख पर संदेश के माध्यम से प्राप्त प्रतिक्रियाएं।
आकांक्षा पारे का ये आलेख टू दी पॉइंट लिखा गया है ये एनडीटीवी की पत्रकार निधि राजदान का मामला बेशक चार सौ बीसी का है ही, फिर भी क्या कैसे हुआ ? अभी भी सच्चाई कोसों दूर है। जांच में कुछ दिन लटकेगा मगर हकी़क़त सामने आएगी ज़रूर । बशर्तें जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।
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अभी कुछ देर पहले पूर्व मैंने लंदन से प्रकाशित ऑनलाइन पत्रिका पुरवाई की संपादकीय पढी। पुरवाई के संपादक महोदय तेजेंंद्र शर्मा जी द्वारा एक धमाकेदार ख़बर पर “मलेशिया ने दिया पाकिस्तान को एक झटका” शीर्षक, से लिखा है ।
शीर्षक धमाकेदार है । और संपादकीय आलेख तो डबल धमाका है, यह आवाज़ पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान तक अवश्य पहुंचेगी । उन्हें यह पता होना चाहिए कि …….उनका व्यक्तित्व और कृतित्व कैसा है ? उन्होंने अपने देश के नागरिकों की उम्मीदों पर ही कैसा पानी फेरा है। ख़ुद इस से उनका लेना-देना नहीं है ।
संपादकीय में बहुत साफ़ साफ़ शब्दों में लिखा गया है कि –
“सबसे अधिक शर्मिंदगी की बात यह है कि विमान को जब्त़ किया गया , उस समय यात्री और क्रू सभी लोग विमान में बोर्डिंग कर चुके थे और विमान उड़ान भरने के लिए तैयारी कर रहा था ।”
ज़ाहिर है पाकिस्तान द्वारा मलेशिया से मित्रता का दम भरते हुए सुना गया है , बावजूद इसके उसका मित्र देश मलेशिया के द्वारा ही पाकिस्तान के साथ उसका विमान जब्ती कार्रवाई करके ऐसा अशोभनीय व्यवहार किया गया । मित्र द्वारा किया गया यह व्यवहार दुनियां को आश्चर्यचकित करता है ।
भले ही अपना कर्ज वसूलने के लिए उसे मजबूर होकर मलेशिया को यह करना पड़ा हो यकीनन ये पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और पाकिस्तानी हुकमारान एवं पाकिस्तानी आवाम सभी के लिए शर्मिंदगी का विषय है।
मगर लगता तो यही है कि इमरान खान चिकने घड़े जैसे हो चुके हैं । उनपर इस बेईज्जती का कोई असर नहीं पड़ता दिख रहा है । संभवतः सामान्य स्तर से असामान्य स्तर प्राप्त हो चुके हैं 🤪 सामान्य से बहुत ऊपर या बहुत नीचे दोनों असामान्य स्थिति है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इज्जत-बेइज्जती , सुख-दुख से अप्रभावित हैं। यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान तो आतंकवादियों के आका बनकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता है। उस पर से चीन जैसे झूठे देश का अटूट भरोसा । शायद इस तरह के मुगालते रह कर पाकिस्तान को कुछ सूझ नहीं रहा है ।
पाकिस्तानी दंभी प्रधानमंत्री इमरान खान जी प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विपरीत कुछ भी बोलते हैं , दुनियां भले कुछ भी कहे पर उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता । तभी तो पाकिस्तानी मीडिया पत्रकारों द्वारा प्रधानमंत्री को लेकर मजाक़ उड़ाने की ख़बरें आती रहती हैं ।
अब पी. आई. ए. के प्रवक्ता अब्दुल्लाह ह़फ़ीज एक वीडियो के जरिए बता रहे हैं कि ,……….हमारी एयर एयरलाइंस लीगल टीम मलेशिया की अदालत में केस लड़ेगी । यह बात कुछ जानदार कुछ शानदार लग रही है। क्योंकि रस्सियां हमेशा जल जाती हैं , मगर उनकी ऐठन कभी नहीं जाती है। पाकिस्तानी हुक़ूमत के ज्य़ादातर हुक्मरानों का यही हाल है।
इस मुद्दे पर पुरवाई के संपादक तेजेंद्र शर्मा जी ने अपनी संपादकीय भी बहुत ही साफ़गोई से लिखा है । आप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के कार्य प्रणाली एवं व्यवहार की कलई परत दर परत खोल दिया । पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान इतना झूठ बोलने लगे हैं कि अब इनके सच बोलने पर भी तो कोई विश्वास नहीं करेगा।
अब तो पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के रोज नए नए राज़ खुल ही रहे हैं । देखिए आगे आगे होता है क्या?आदरणीय तेजेंद्र शर्मा जी आपकी संपादकीय की एक विशेषता है कि आप बहुत ही साफ़गोई से स्पष्ट शब्दों में निर्भिकता से किसी मुद्दे पर या घटनाओं की हक़ीक़त बयान करते हैं ।
किसी ख़बर में या आलेख में तथ्यों को किसी स्वार्थवश छुपाना या तोड़ना- मड़ोरना , पत्रकारिता की कुछ ख़ामियों में से एक है, आप द्वारा ऐसा नहीं किया जाता ।
अतः एक अच्छे आलेख के लिए पुरवाई के संपादक महोदय तेजेंद्र जी को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं।
घर अलग बना लेना, और अलग घर को चलाना ये दो अलग अलग बातें हैं। कायदे आज़म तो अलग घर बनवा कर अपना नाम इतिहास में सुरक्षित करवा के निकल गए। अब रह गए इमरान मियाँ, क्या करें?
खुल के कहूँ तो होवे रसवाई।
चुप में जिअरॉ भसम हुई जाए।।
आप भी दुआ करो इमरान जैसे हुक्मरानों के लिए।
-निखिल कौशिक