होम ग़ज़ल एवं गीत कुलदीप दहिया “मरजाणा दीप” की ग़ज़ल – वही सोने की चिड़िया वाला... ग़ज़ल एवं गीत कुलदीप दहिया “मरजाणा दीप” की ग़ज़ल – वही सोने की चिड़िया वाला मेरा हिंदुस्तान कर दे द्वारा कुलदीप दहिया मरजाणा दीप - August 8, 2021 110 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet ए भारत माँ फिर से एक एहसान कर दे वही सोने की चिड़िया वाला मेरा हिंदुस्तान कर दे, मुझे चुभती हैं नस्तर सी ये ख़ार की नस्लें मिटा दे नक़्शे-पटल से इनका काम तमाम कर दे, कर कोख़ से पैदा फिर राजगुरु,सुखदेव,भगतसिंह ये गुलशन हो चला वीरां फिर से गुलिस्तान कर दे, बहुत सह चुके अब अखरते हैं दिल को दगाबाज़ ये ले-ले हाथों में मशाल, जंग का ऐलान कर दे, खरपतवार नफ़रतों की ना ये फिर से पनप जाये माँ ऐसे मेरे चमन के तू बागबाँ कर दे , कल-2 करते झरने,नदियाँ महके पीले सरसों के फूल गाते-गुनगुनाते किसान लहलहाते खेत-खलिहान कर दे, जलते रहें “दीप” खुशियों के सदाआँगन में यूँ ही चाँद-सितारों से चमकता ये अंबर, आसमान कर दे !! संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं अनुराग ग़ैर की ग़ज़लें आशुतोष कुमार की ग़ज़ल डाॅ राजेश तिवारी ‘विरल’ का शृंगार-गीत Leave a Reply Cancel reply This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.