Monday, May 20, 2024
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सत्यम ‘सोलंकी’ की कविता – इस जीवन

  • सत्यम ‘सोलंकी’

प्रेम को बहुतों ने लिखा है
मैं व्याध में लिखूँगा
मैं तुम्हारे मन के
दर्द को लिखूँगा
लम्हों , रिश्ते – नातों से
कह दूँगा
मिलूँगा उनसे
कभी किसी और बरसातों में
कह दूँगा की उन्हें
फिर कभी मिलूँगा
इस जीवन में
मैं बस राधा का रहूँगा
तुम्हें
लिखने में ,
तुम्हें ,
समझने में
इस बार तुम्हे भीड़ में नही
एकांत में नही
ना ही किसी बिहर
वीरान में
मैं देखूँगा
तुम्हें
बस अपने
प्राण में
मैं लिखूँगा तुम्हें
रात की बात में
अधूरे अल्फाज में
तुम्हारी चाह में
मैं लिखूँगा
तुम्हें
हर दर्द , हर उम्मीद
हर एहसास में
और कह दूँगा सबसे
हर हाल में
इस जीवन बस
राधा रहेगी , मेरे प्राण में !
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